बुद्ध पूर्णिमा (buddha purnima ) आज यानि सोमवार को मनाई जा रही है । बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र राप्ती नदीं में आस्था की डुबकी लगाएंगे। व्रत रख विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य(Charity) करेंगे। इस अवसर पर महानगर में कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।
विशेषज्ञ ने बताया कि वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार सोमवार को पूर्णिमा तिथि (full moon date) का मान दिन में 9:48 बजे तक रहेगा। वरियान योग और मित्र नामक औदायिक योग भी है। इस समय तक पूजा और दान बहुत श्रेष्ठ है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, सभी महीनों में वैशाख का महीना भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को अत्यंत प्रिय है। ज्योतिष की दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व (special importance) है। क्योंकि इस मास में सूर्य नारायण उच्च स्थिति में रहते हैं। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की आराधना (worship) के साथ चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है। इस दिन सत्यनारायण व्रत भी किया जाता है। इस दिन व्रत रहने से व्यक्ति के आत्मबल में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन लुंबिनी नामक स्थान पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
जलदान का है विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन जलदान का विशेष महत्व है। राहगीरों को जल पिलाना चाहिए। जल से भरा घड़ा का दान मंदिरों में करना चाहिए। इस दिन दोपहर में भूखे को भोजन कराएं। इससे आनंद की प्राप्ति होती है। इस दिन दूध और खीर का दान करने से सभी तरह के चंद्र दोष समाप्त होते हैं।
buddha purnima 2022: इस दिन करें ये काम
ज्योतिर्विद ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा का दिन यज्ञ, गृह प्रवेश, विवाह, भवन निर्माण और अन्य शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम दिन है। इस दिन आभूषण क्रय और देव प्रतिष्ठा जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं। पितृदोष निवारण के लिए भी यह दिन उत्तम है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से ग्रह दोष क्षीण होता है।