किशोर उम्र (teenage age) में विपरीत लिंक के प्रति आकर्षण स्वभाविक हो जाता है, लेकिन क्या यह अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई लड़का (boy) दर्जनों लड़कियों (girls) के बीच क्या अनुभव कर सकता है। बिहार (Bihar) के एक किशोर के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जब वह कक्षा 12वीं की परीक्षा देने केंद्र पर पहुंचा।
बिहार शरीफ के अलम्मा इकबाल कालेज का छात्र मणि शंकर का परीक्षा केंद्र ब्रिलिएंट स्कूल में था। 12वीं की परीक्षा देने वह परीक्षा केंद्र में सामान्य छात्रों की तरह प्रवेश किया। कक्षा में बैठने के थोड़ी देर बाद उसे एहसास हुआ कि वह 50 लड़कियों के बीच अकेला लड़का है। इसके बाद वह तनाव में आकर बेहोश हो गया। बात यहीं खत्म नहीं हुई। उसे बुखार आ गया और सदर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
घबराहट की वजह से हुआ बेहोश
मणिशंकर की मौसी के अनुसार, घबराहट के कारण वह बेहोश हो गया था। शंकर की चाची ने एएनआई को बताया, वह परीक्षा केंद्र गया और देखा कि कमरा लड़कियों से भरा हुआ था, वह घबरा गया और उसे बुखार आ गया। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।