भारत (India) के मोस्टवांटेड आतंकवादी हाफिज सईद (terrorist hafiz) और दाउद इब्राहिम को भारत को सौंपने के सवाले पर पाकिस्तान (Pakistan) ने जवाब देने से इनकार कर दिया. इंटरपोल की 90वीं जनरल एसेंबली में पाकिस्तान के डेलीगेशन मोहसिन बट से दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) की पाकिस्तान में मौजूदगी और भारत भेजे जाने पर सवाल किया गया तो वो चुप रह गए.
इंटरपोल कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी(Federal Investigation Agency) के डायरेक्टर जनरल मोहसिन बट्ट ने जवाब में सिर्फ थैंक्यू कहा और चले गए. दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर, हाफिज सईद सहित भारत के कई सर्वाधिक वांछित आतंकवादी पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने में हैं. इन घोषित अपराधियों के खिलाफ भारत के ‘रेड नोटिस’ के बावजूद पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में पाकिस्तान में आतंकवाद(terrorism) हर दिन अपनी चरम सीमा की अग्रसर है.
आतंक के खिलाफ हथियार उठाने को तैयार पाकिस्तानी जनता
एक पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन का आयोजन एक स्थानीय संगठन स्वात कौमी जिरगा ने किया गया था, जबकि चारबाग तहसील (Charbagh Tehsil) के विभिन्न हिस्सों के बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों ने घाटी में शांति बहाली की मांग करने वाले नारों के साथ तख्तियां लेकर प्रदर्शन में भाग लिया. पिछले हफ्ते स्वात की ख्वाजाखेला तहसील के मट्टा चौक पर अपने विरोध प्रदर्शन (Protest) के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर अधिकारी अपनी उचित भूमिका निभाने में विफल रहे तो वे आतंकवादियों से निपटने के लिए खुद हथियार उठा सकते हैं.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का स्वात जिला उपद्रव ग्रस्त है. अगस्त के महीने में यहां आतंकी गतिविधियों के फिर से सामने आने के बाद से स्थानीय लोगों का शुक्रवार को आठवां विरोध प्रदर्शन था. सबसे हालिया विरोध मंगलवार को हुआ, जब चारबाग में एक स्कूल वैन में गोलीबारी हुई, जिसमें चालक की मौत हो गई और दो बच्चे घायल हो गए थे. हमले में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं पूरी हुई, तो वे इस्लामबाद तक मार्च करेंगे.