वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब धरहरा मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है. पंचगंगा घाट पर स्थित धरहरा मस्जिद में हिंदुओं को पूजा पाठ की इजाजत की मांग की गई है. इसे लेकर कोर्ट में वाद भी दायर किया गया है. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि धरहरा मस्जिद की जगह बिंदु माधव धरहरा मंदिर था. इसे औरंगजेब के शासन में तोड़कर मस्जिद बनाई गई.
सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आकाश वर्मा की कोर्ट में वाद दायर कर प्राचीन बिंदु माधव धरहरा मंदिर क्षेत्र में हिंदुओं को पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्य करने की इजाजत देने और मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.
वाद में कहा गया है कि बिंदु माधव धरहरा मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेब ने तुड़वाकर यहां मस्जिद का निर्माण कराया था. वाद में कहा गया है कि पहले पंचगंगा घाट पर बिंदु माधव (भगवान विष्णु) का मंदिर था. औरंगजेब ने इसे तुड़वाकर 1669 में बड़े चबूतरे पर मस्जिद का निर्माण कराया. इसे धरहरा मस्जिद के नाम से जाना जाता है. मूल वाद संख्या 225, सन 2022 के तौर पर कोर्ट में दायर हो गया है. कोर्ट इस पर 4 जुलाई को सुनवाई करेगा.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा है. इसे लेकर निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक याचिकाएं डाली गई हैं. हिंदू पक्ष की मांग पर सेशन कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे भी कराया था. हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़े सभी मामलों को जिला कोर्ट में ट्रांसफर कर दिए. इस मामले की पोषणीयता पर जिला कोर्ट सुनवाई कर रहा है.