अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर बम धमाके की जिम्मेदारी ISIS-K संगठन ने ले ली है. इस हमले में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और इस अटैक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन(Joe Biden) ने साफ किया है कि वे हमलावरों को ढूंढ-ढूंढ कर मारेंगे. बता दें कि इससे पहले भी अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS-K के आतंकियों के खात्मे के लिए लगभग 10 हजार किलो का बम फेंका था. इस बम को मदर ऑफ ऑल बॉम्ब भी कहा जाता है.
GBU-43/B मैसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बम (MOAB) एक नॉन न्यूक्लियर बम है और इसे अमेरिकी सेना ने यूएस एयरक्राफ्ट के सहारे नांगरहार प्रांत में गिराया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, ये अमेरिका के इतिहास में इस्तेमाल किया गया सबसे खतरनाक नॉन न्यूक्लियर बम था और इस अटैक के बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेरिकी सेना की तारीफ की थी.
इस मामले में बात करते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी शॉन स्पाइसर ने कहा था कि हमने कुछ सुरंगों और गुफाओं को टारगेट किया था जिसे आईएसआईएस-K के लड़ाकों ने अपना गढ़ बना रखा था और इनकी मदद से IS-Kआतंकी अमेरिकी मिलिट्री और अफगानी सेना पर हमला करने में कामयाब हो पा रहे थे. उन्होंने ये भी कहा कि इस क्षेत्र में रह रहे आमजन की सुरक्षा के लिए जरूरी एहतियात बरती गई थी. वही इस क्षेत्र के डिस्ट्रिक्ट गर्वनर इस्माइल शिनवारी ने कहा था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इतना बड़ा धमाका पहले कभी नहीं देखा था. बीबीसी न्यूज के साथ बातचीत एक लोकल अधिकारी ने कहा था कि इस हमले में बहुत सारे IS-K आतंकी मारे गए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, IS-K के एक सीनियर लीडर के भाई की भी इस हमले में मौत हुई थी.