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संसद में हंगामे पर गुलाम नबी आजाद ने उठाया सवाल, कहा- सरकार को ही मदद करता है विपक्ष का वॉकआउट

पूर्व संसदीय कार्य मंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने संसद (Parliament) से विपक्ष (Opposition) के वॉकओवर पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष की अनुपस्थिति से सरकार को ही मदद मिलती है। इसलिए विपक्ष को सदन किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहिए। आजाद की यह टिप्पणी राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच आई है, जो कि पीएम द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब न देने और बिहार विधानसभा को लेकर एसआईआर का मुद्दा संसद में नहीं उठाने देने का विरोध कर रहे थे।

संसद में विपक्ष के हंगामे पर अपनी बात रखते हुए आजाद ने कहा, “मैं सदन की कार्यवाही बाधित करने के खिलाफ हूं। अगर आप सदन को चलने नहीं देते, तो फिर आप चुनकर क्यों आते हैं? सदन में प्रवेश करने का मतलब है कि आप संसद में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मुद्दों और लोगों की समस्याओं को सरकार के सामने उठाएंगे।’’

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा,”जब विपक्ष संसद से बाहर जाता है, तो सरकार इससे खुश ही होती है क्योंकि तब वह आसानी से कानून को पारित कर सकती है। इसलिए विपक्ष का सदन से बाहर जाना सरकार का फायदा ही कराता है, क्योंकि तब वह उनका विरोध नहीं कर सकते।

मनमोहन सिंह सरकार में मई 2004 से नवंबर 2005 तक संसदीय कार्य मंत्री रहे आजाद ने कहा कि वह हमेशा संसद के सुचारु संचालन के पक्षधर रहे हैं।

संसद में अपने पहले कार्यकाल को याद करते हुए आजाद ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें संसद में विपक्षी नेताओं के भाषण में बाधा न डालने की सलाह दी थी। उन्होंने बताया, ‘‘इंदिरा ने मुझे फोन किया और कहा कि आप संसद में बोलने आए हैं, हंगामा करने नहीं। उन्होंने मुझसे कहा कि विपक्षी नेताओं के भाषण में बाधा डालकर कोई नेता नहीं बन सकता।’’

हाल ही में सुरक्षा बलों द्वारा पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार तीन आतंकवादियों को मार गिराए जाने के संबंध में ‘ऑपरेशन महादेव’ पर आजाद ने कहा कि वह सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए हर ऑपरेशन का समर्थन करते हैं, लेकिन मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।