चीन में कोरोना वायरस (corona virus) का कहर जारी है. यहां के शंघाई (Shanghai) में कोरोना वायरस की नई लहर में पहली मौत दर्ज की गई है. बताया जा रहा है कि शंघाई में रविवार को तीन लोगों की कोरोना से मौत हुई है, उनकी उम्र 89 से 91 साल है और ये पहले से किसी न किसी बीमारी (disease) से ग्रसित थे. 2.5 करोड़ की आबादी वाले शंघाई में लॉकडाउन है. ऐसे में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं.
शंघाई में कोरोना के 17 अप्रैल को 19,831 केस दर्ज किए गए हैं. इससे पहले शनिवार को 21,582 केस दर्ज किए गए थे. हालांकि, इन लोगों में कोरोना के लक्षण देखने को नहीं मिले हैं. वहीं, कोरोना के लक्षण वाले 2,417 नए मरीज मिले हैं. हालांकि, शनिवार को ऐसे 3,238 केस मिले थे.
बताया जा रहा है कि चीन (China) में 10 मार्च के बाद से 20 करोड़ कोरोना टेस्ट किए गए हैं. बताया जा रहा है कि 2019 में वुहान में फैले कोरोना के बाद शंघाई अब तक का सबसे संक्रमित शहर बन गया है.
चीन में इससे पहले मार्च में जिलिन प्रांत में कोरोना से दो लोगों की मौत का मामला सामने आया था. ये मौतें चीन में एक साल बाद हुई थीं. चीन कोरोना के खिलाफ सख्त जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है. इसके तहत बड़े पैमाने पर जांच की जाती है. लोगों को क्वारंटीन किया जाता है. सख्त प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
शंघाई कोरोना की अब तक की सबसे बुरी लहर से जूझ रहा है. चीन की ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के तहत यहां सख्त लॉकडाउन लगाया गया है. बावजूद इसके यहां कोरोना के मामले थम नहीं रहे हैं. शंघाई में कोरोना के मामलों में जबरदस्त तेजी की वजह ओमिक्रॉन (Omicron) को माना जा रहा है.
कोरोना से शंघाई की हालत इतनी खराब हो गई है कि यहां अब संक्रमितों को रखने के लिए क्वारंटीन सेंटर में जगह नहीं बची है. स्कूलों और दफ्तरों की इमारतों को क्वारनटीन सेंटर में बदला जा रहा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, क्वारंटीन सेंटर खचाखच भरे हुए हैं. यहां दो बिस्तरों के बीच एक हाथ का अंतर भी नहीं है.