देश में कोरोना की भयावहता के बीच अस्पतालों में बेड और आक्सीजन की भीषण किल्लत हो चुकी है। जीवन रक्षक दवाएं नहीं हैं। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री और गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह ने ट्विटर के जरिए कोरोना संक्रमित एक शख्स की मदद के लिए गुहार लगाई है। उनके इस ट्वीट से सोशल मीडिया पर प्रशासन से अपने भाई के लिए बेड मुहैया करवाने का अनुरोध कर रहे हैं। बेड की किल्लत पर उन्होंने ट्वीट में लिखा था प्लीज हेल्प…कुछ देर के बाद ही उन्होंने इसपर स्पष्टीकरण दिया कि उन्होंने अपने भाई के लिए नहीं बल्कि किसी और के लिए यह ट्वीट किया था। सफाई देते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि मैंने यह ट्वीट के जरिए यह अनुरोध इसलिए किया था ताकि जिला प्रशासन पीड़ित व्यकित तक पहुंच सके। उसे वो मेडिकल मदद दे सके जो उसका भाई चाहता है। वो मेरा भाई नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा खून का रिश्ता नहीं है लेकिन हमारा मानवता का रिश्ता जरूर है। मुझे लगता है कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आया। इसेस पहले वीके सिंह ने ट्वीट कर कहा था प्लीज हमारी हेल्प करें मेरे भाई को कोरोना इलाज के लिए बेड की आवश्यकता है। अभी गाजियाबाद में बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उनके इस ट्वीट पर शलभमणि त्रिपाठी ने प्रतिक्रिया दी थी।
जिलाधिकारी ने बताई स्थिति
केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट से हुई गलतफहमी हुई। जिला प्रशासन से लेकर आम आदमी को लगा कि केंद्रीय मंत्री के भाई को ही बेड नहीं मिल पा रहा है तो उत्तर प्रदेश खासकर गाजियाबाद में बेड की बड़ी समस्या है। जब हमने गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री को किसी ने ट्वीट किया था कि उनके उनके भाई को बेड नहीं मिल पा रहा है।
मंत्री ने डीएम गाजियाबाद को टैग करते हुए यह ट्वीट किया लेकिन इस तरह से यह ट्वीट हो गया कि जिसेस लगा केंद्रीय मंत्री के भाई को ही बेड नहीं मिल पा रहा है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जिस मरीज को बेड की दिक्कत थी उसको भी एडमिट करा दिया गया है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करके इस मामले में सफाई दी है।