आज के दौर में हर इंसान अपनी असल उम्र से छोटा दिखना और महसूस करना चाहता है. बढ़ती हुई उम्र का ख्याल आते ही टेंशन शुरू हो जाती है, खासकर चेहरे पर जब झुर्रियां या लकीरें दिखनी लग जाए तो समझ जाएं कि आप पर एजिंग का असर नजर आने लगा है. ऐसे में आप बढ़ती उम्र के पर कैसे लगाम लगा सकते हैं. हाल ही में हुए फोर्ब्स हेल्थ सर्वे में पाया गया कि लगभग 50 फीसदू अमेरिकी नागरिक एजिंग के प्रॉसेस से से खौफजदा हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उम्र बढ़ने से उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. भारत में भी अमेरिका के जैसे ही हालात है. कई लोग उम्र बढ़ने के को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहते, ऐसे में कोशिश रहती है कि किसी तरह से एजिंग के प्रॉसेस को स्लो कर दिया जाए और बढ़ती उम्र की निशानियां मिट जाए.
बुढ़ापा या उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकना एक बड़ा ही विवादित मुद्दा रहा है. ये बात सच है कि उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है तो क्या इस प्रॉसेस पर लगाम जा सकती है? जवाब आसान है, उम्र को बढ़ने की निशानियों को पूरी तरह से तो नहीं रोका जा सकता है लेकिन ये जरूर है कि कुछ लक्षणों और संकेतों को जरूर कम किया जा सकता है.
आपने बमुश्किल ही किसी 60 साल के आदमी को फिट, तंदुरुस्त और जवान देखा होगा अगर देखा भी होगा तो वह अच्छे खानपान, एक्सरसाइज और स्वस्थ लाइफस्टाइल की वजह से ऐसा होता है. हालांकि अगर आपको उम्र बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगे हैं,जैसे कि झुर्रियां, त्वचा का पतला होना, त्वचा का नाजुक होना, त्वचा की परतों के नीचे चर्बी वाले सेल्स का कम होना वगैरह, तो आप इन प्रभावों को कम करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठा सकते हैं. ऐसे ही एक उपाय में हाइलूरोनिक एसिड है. ये एक सप्लीमेंट्स है. जिसका इस्तेमाल करके झुर्रियों या उम्र बढ़ने के दूसरे संकेतों से निजात पाई जा सकती है.
हाइलूरोनिक एसिड एक फिसलनदार और चिपचिपा पदार्थ होता है जो शरीर में पाया जाता है. ये एक नेचुरल एसिड होता है जो शरीर के जोड़ों और अन्य ऊतकों के भीतर एक लुब्रिकेंट या कुशन के रूप में काम करता है. हाइलूरोनिक एसिड काफी हद तक एक मॉइस्चराइजर की तरह होता है जो त्वचा को सेहतमंद रखने में मदद करता है, लेकिन उम्र बढ़ने से इस एसिड की कमी हो जाती है, इसलिए इसके सप्लीमेंट की जरूरत पड़ती है.
हाइलूरोनिक एसिड का इस्तेमाल थेरेपी के मेथड्स पर निर्भर करता है. मौजूदा वक्त में सबसे एडवांस हाइलूरोनिक एसिड ट्रीटमेंट जो बाजारों में उपलब्ध है उसका नाम प्रोफाइलो है. ये एक बायो-रीमॉडेलिंग इंजेक्टेबल थेरेपी है जो त्वचा के ऊतकों को फिर से जवान करने के लिए स्थिर हाइलूरोनिक एसिड की सही मात्रा प्रदान करने में मदद करती है. हाइलूरोनिक एसिड की बनावट ऐसी होती है कि जहां-जहां त्वचा को इसकी जरूरत होती है वहां-वहां यह फैल जाता है. आंखों के नीचे, ठुड्डी, गर्दन, हाथ आदि पर इसे इस्तेमाल किया जा सकता है.त्वचा पर उम्र बढ़ने के संकेत जल्दी इसलिए दिखते हैं क्योंकि त्वचा में नमी की कमी हो जाती है.
त्वचा में पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेशन न होने से त्वचा पतली हो जाती है. प्रोफाइलो ट्रीटमेंट को कई एक्सपर्ट्स द्वारा रिकमेंड किया जाता है क्योंकि ये त्वचा में भराव में आसानी प्रदान करता है और त्वचा को जवान बनाता है. शरीर के जिन क्षेत्रों में हाइलूरोनिक एसिड की सही सांद्रता की जरुरत होती है वहां पर प्रोफाइलो ट्रीटमेंट की मदद से पहुँचाकर यह त्वचा को रिलैक्सेशन की भावना देता है.
फेस डेफिनिशन न होने, फाइन लाइंस, और ढीली त्वचा उम्र से संबंधित होने वाली अन्य चिंताएं हैं जो बहुत से लोगों को होती हैं. ज्यादातर ये उम्र से सम्बंधित संकेत चेहरे, हाथ, गर्दन और पेट पर दिखते हैं. कोलेजन की कमी और एपिडर्मिस के पतले होने से यह समस्यायें होती है. हाइलूरोनिक एसिड की मदद से आप कोलेजन की मात्रा को बढ़ाकर और नमी का उत्पादन करके अपने शरीर के उन फ्लैशप्वाइंट को मजबूत कर सकते हैं जो आपकी त्वचा की एपिडर्मिस को कोमल और भरे रहने के लिए चाहिए.
हयालूरोनिक एसिड बहुत तेजी से डर्मेटोलॉजी में एक नायाब समाधान बन गया है. इसके कई सारे फायदे हैं. अगर आप बुढ़ापे के लक्षणों से निजात पाना चाहते हैं तो ये आपके लिए जादू का काम कर सकता है. अगर आप हाइड्रेटेड लुक और त्वचा में मोटापन की तलाश में हैं, या आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा लंबे समय तक जवान बनी रही तो हाइलूरोनिक एसिड ऐसी चीज है तो आपकी चिंता और तलाश को खत्म कर सकती है.