पिछले महीने दक्षिण चीन सागर में नौसेना की एक पनडुब्बी से जुड़ी दुर्घटना के संबंध में चीन ने हाल ही में को अमेरिका पर ‘पारदर्शिता और जिम्मेदारी की कमी’ का आरोप लगाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने हाल ही में आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि अमेरिका को उस घटना का पूरा विवरण देना चाहिए, जिसने रणनीतिक जलमार्ग को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद को पुनर्जीवित कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘हम एक बार फिर अमेरिका से दुर्घटना का विस्तृत विवरण देने का आग्रह करते हैं.’
नौसेना के दो अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर सोमवार को कहा कि नौसेना को पता चला है कि परमाणु संचालित यूएसएस कनेक्टिकट एक समुद्री पर्वत, या पानी के नीचे किसी चट्टान से टकरायी थी. नौसेना ने अभी तक पूरी तरह से यह स्पष्ट नहीं किया है कि पनडुब्बी समुद्री चट्टान से कैसे टकरायी या सीवुल्फ-श्रेणी की पनडुब्बी को इससे कितना नुकसान हुआ? अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि पनडुब्बी के परमाणु रिएक्टर और प्रणोदन प्रणाली को कोई नुकसान नहीं हुआ है. यूएसएनआई न्यूज, ने पहली बार यह खबर दी थी कि पनडुब्बी एक समुद्र चट्टान से टकरा गई है. उसने कहा कि इसमें चालक दल के सदस्यों को मामूली चोटें आयीं.
वांग ने अमेरिका पर घटना को लेकर ‘पारदर्शिता और जिम्मेदारी की कमी’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इसके बारे में अभी तक ‘स्पष्टीकरण’ नहीं दिया है कि नौसेना की परमाणु पनडुब्बी वहां क्या कर रही थी? वांग ने साथ ही कहा कि अमेरिका ने ‘दुर्घटना के विशिष्ट स्थान के बारे में भी नहीं बताया है और न ही यह बताया है कि क्या वह किसी अन्य देश के विशेष आर्थिक क्षेत्र में थी या नहीं और क्या इससे पनडुब्बी से परमाणु रिसाव हुआ या समुद्री पर्यावरण को नुकसान पहुंचा था?’ चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का दावा करता है, जिसके जरिये हर साल खरबों डॉलर का अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है. वहीं, अमेरिका इस बात पर जोर देता है कि नौवहन की स्वतंत्रता को बनाए रखा जाना चाहिए. बता दें, घटना गत दो अक्टूबर को हुई थी, लेकिन नौसेना द्वारा पांच दिन बाद तक इसकी सूचना नहीं दी गई. पनडुब्बी क्षति के आकलन के लिए गुआम रवाना हो गई.