आसमान में उड़ रहे विमान में महिला यात्री के लिए पंजाब के अमृतसर की युवती उसकी जीवन रक्षक बनी है। दुबई से मुंबई आ रहे विमान में अचानक एक महिला यात्री की सांसे थम गई। महिला बेहोश हो गई। विमान की इमरजेंसी लैंडिंग तक की नौबत आ गई। लेकिन विमान में मौजूद यशोदा शंकर ने महिला की जान बचा ली।
एयर इंडिया की फ्लाइट में एक महिला के अचानक बेहोश हो गई। वहीं विमान पर मौजूद एक युवती ने आध्यात्मिक शक्ति के जरिये महिला की जान बचाई। यह घटना शनिवार रात करीब डेढ़ बजे की है।
जानकारी मुताबिक शनिवार रात करीब लगभग डेढ़ बजे एयर इंडिया का दुबई से मुंबई आ रहा था। जब विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में था तो विमान में मौजूद कृष्णा नाम की महिला अचानक बेहोश होकर गिर गई। उनकी सांसे भी रुक गई थी। विमान में कोई डॉक्टर यात्री भी नहीं था, जो उसकी सहायता कर पाता।
ऐसे में पायलट ने पाकिस्तान से विमान को उनके एयरपोर्ट पर लैंड करवाने की आज्ञा मांगी। हालांकि इसमें काफी समय लग गया। विमान में सभी यात्री महिला को लेकर परेशान थे। ऐसे में अमृतसर एक युवती यशोदा शंकर ने विमान के क्रू मेंबर्स से कहा कि वह डॉक्टर तो नहीं है, लेकिन आध्यात्मक के जरिये महिला को बचाने का प्रयास कर सकती है।
पांच मिनट बाद चलने लगी धड़कन
क्रू मेंबर्स ने कहा कि आप जल्दी ही कुछ कीजिए। यशोदा ने महिला के आज्ञा चक्र मस्तिष्क के मध्य भाग जहां तिलक लगाया जाता है, पर हाथ रखा और ईश्वर की स्तुति की। कुछ मंत्रोच्चारण भी किए। लगभग पांच मिनट बाद महिला की धड़कनें चलने लगीं और वह उठ खड़ी हुई।
महिला बोली- मुझे लगा मैं मर रही हूं
महिला ने अपना नाम कृष्णा भौमिक बताया। वह कोलकाता की रहने वाली है। उसने कहा कि जब वह बेसुध हुई तो उसे लगा की अब जीवन का अंतिम क्षण आ गया है। मेरी आंखें बंद हुईं। लोक परलोक दोनों दिखाई देने लगे। मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं मृत्यु पर विजय प्राप्त कर पुन: लौटी हूं।
यात्रियों ने यशोदा के पैर छुए
कृष्णा ने यशोदा का धन्यवाद किया। महिला ने भावुक होकर उसने यशोदा को कुछ राशि भेंट करने की पेशकश की, लेकिन यशोदा ने इससे इनकार कर दिया। महिला की सांसें चलते देखकर विमान में सवार कुछ यात्रियों ने यशोदा के चरणों को स्पर्श किया और सेल्फी भी ली।
यशोदा बोलीं- आध्यात्म में बहुत शक्ति
विमान में सवार सभी यात्री भी हतप्रभ रह गए। उन्होंने यशोदा को धन्यवाद किया। वहीं यशोदा ने कहा कि आध्यात्म में बहुत शक्ति है। वह निम्बार्क संप्रदाय की साधक हैं और और वर्तमान में मुंबई में रहती हैं। मैंने गुरु मंत्र किया और ईष्ट को प्रणाम कर उन्हें अंर्तमन से स्मरण किया। मुझे पूर्ण विश्वास था कि ईश्वर इन्हें स्वस्थ्य कर देंगे।