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US President की रूस को चेतावनी, कहा- ‘गंभीर गलती’ साबित होगा परमाणु हमला

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) ने मंगलवार को रूस (Russia) को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन (Ukraine) के साथ संघर्ष में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल (use of nuclear weapons) एक ‘गंभीर गलती’ होगी। बाइडन ने मंगलवार को कोविड 19 का बूस्टर शॉट (covid 19 booster shot) ली। यह उनकी पांचवीं खुराक थी। इसे लेने के बाद रूस यूक्रेन को लेकर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मैंने आज उस बारे में बात करने में बहुत समय बिताया है।

पत्रकारों की ओर से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि रूस एक डर्टी बम हमले की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए वह यूक्रेन को दोषी ठहराएगा। बाइडन ने कहा कि रूस एक अविश्वसनीय रूप से गंभीर गलती कर रहा होगा; यदि वह एक सामरिक परमाणु हथियार का उपयोग करता है।

बता दें कि हाल ही में रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन अपनी धरती पर ‘डर्टी बम’ का इस्तेमाल कर सकता है। यह एक पारंपरिक बम है जिसमें रेडियोधर्मी, जैविक या रासायनिक सामग्री होती है; जो एक विस्फोट के साथ वातावरण में फैल जाती है।

अमेरिका और उसके सहयोगियों को डर है कि रूस एक डर्टी बम का उपयोग कर इसे यूक्रेन का करतूत होने जैसा झूठ का जामा पहनाकर वहां अपने हमलों को और तेज कर सकता है। ऐसा इसलिए ताकि मास्को संभवतः पारंपरिक परमाणु हथियारों के उपयोग को सही ठहराने सके।

क्योंकि इस समय वह खुद को पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में एक अनिश्चित स्थिति से जूझता हुआ देख पा रहा है। बाइडन ने कहा कि मैं इस बात की गारंटी नहीं दे रहा हूं कि यह अभी तक एक झूठ फैलाने की मुहिम ही है। दरअसल, हमें पता ही नहीं है।

नाटो ने ‘डर्टी बम’ को रूस की धोखे की विशिष्ट रणनीति बताया
इधर, नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में बताया कि रूस की चेतावनी कि यूक्रेन एक “डर्टी बम” का उपयोग करने के लिए तैयार है, खुद मास्को के धोखे के ट्रैक रिकॉर्ड पर फिट बैठता है। वह ‘दूसरों पर आरोप लगाता है कि वे खुद क्या करने का इरादा रखते हैं।’

मॉस्को ने दावा किया है कि यूक्रेन एक ऐसे बम से विस्फोट करने का इरादा रखता है जो एक बड़े क्षेत्र में परमाणु, रासायनिक या जैविक सामग्री को फैला सकता है। वहीं पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया है। उनका कहना है कि क्रेमलिन एक झूठा अभियान चला सकता है; जिसमें वह खुद इस तरह के हमले करता है और इसके लिए यूक्रेन पर दोष डालता है।

क्रेमलिन को बीते आठ महीनों में यूक्रेन पर हमलों में महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है क्योंकि नाटो देश हथियारों और धन के साथ कीव का समर्थन करते रहे हैं। इस संबंध में संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने एक एकीकृत बयान जारी करते हुए कहा है कि दुनिया ऐसे दावे को हमले आगे बढ़ाने के बहाने के रूप में इस्तेमाल करने के किसी भी प्रयास को देखेगी।

स्टोल्टेनबर्ग ने एक वीडियो साक्षात्कार में कहा कि मैं अनुमान लगाने में सावधानी बरतूंगा, लेकिन हमने इसे पहले देखा है, हमने इसे युद्ध की शुरुआत में भी देखा था। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ बहुत सारे झूठे आरोपों का इस्तेमाल बाद में हुए आक्रमण के ‘बहाने’ के लिए किया गया था.. हमने देखा है कि पहले क्या हुआ है और इससे रूस को अब जो कुछ भी होता है उसका बारीकी से पालन करना आवश्यक हो जाता है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि उन्हें यह समझने की जरूरत है कि हम एक झूठे बहाने को स्वीकार नहीं करेंगे ताकि रूस यूक्रेन में युद्ध को और बढ़ाए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में रूस अपना यह आरोप रखने वाला है कि यूक्रेन अपने इलाके में ‘डर्टी बम’ का इस्तेमाल कर आरोप उस पर मढ़ सकता है। अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यह आरोप साफ तौर पर नकार दिया है।

यूक्रेन और पश्चिमी देशों के राजनयिक मान रहे हैं कि इसकी आड़ लेकर रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर युद्ध का रुख मोड़ने की कोशिश कर सकता है। अमेरिका ने रूस को इसके खिलाफ सख्त चेतावनी भी दी है। एक संयुक्त बयान में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने कहा कि रूस का दावा पारदर्शी रूप से गलत है।

वह अपने परमाणु हथियार इस्तेमाल को जायज ठहराने का बहाना तलाश रहा है। रूस ने यूएनएससी को इससे संबंधित पत्र सोमवार को भेजा था। राजनयिकों का कहना है कि सुरक्षा परिषद के साथ बैठक के दौरान रूस यह मुद्दा उठाने का प्रयास कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासली नेबेनजिया ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को लिखे पत्र में कहा कि हम कीव के कब्जे वाले इलाके में ‘डर्टी बम’ के इस्तेमाल को परमाणु आतंकवाद मानेंगे। मंगलवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पास्कोव ने इस आरोप को दोहराया और कहा कि इसे गलत मानकर पश्चिम ने मूर्खता की है।

तनाव के बीच यूक्रेन पहुंचे जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर
जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पहली बार मंगलवार को कीव पहुंचे। उनकी यह यात्रा यूक्रेन युद्ध के नौवें महीने में प्रवेश करने और रूस द्वारा ‘डर्टी बम’ के हमले की निराधार धमकी के बीच हो रही है। जर्मन समाचार एजेंसी डीपीआर के मुताबिक राष्ट्रपति स्टीनमीयर ने कीव पहुंचने पर कहा कि ड्रोन, क्रूज मिसाइल और रॉकेट के हमलों के बीच मेरा यहां आना अहम है क्योंकि यह यूक्रेन के साथ एकजुटता का संदेश देगा।

ब्रिटिश विदेश मंत्री ने जयशंकर संग किया विमर्श
ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर को फोन किया और द्विपक्षीय संबंधों और यूक्रेन विवाद पर विमर्श किया। यूक्रेन पर ‘डर्टी बम’ के खतरे पर यूएनएससी में चर्चा से पहले यह विमर्श हुआ।

‘यूक्रेनी फौज ने दिया है दो बम बनाने का ऑर्डर’
यूक्रेन अपने छीने हुए इलाकों पर तेजी से वापस कब्जा कर रहा है। इसे देखते हुए रूसी अधिकारियों ने पश्चिमी देशों के समकक्षों को फोन किया और यूक्रेन के ‘डर्टी बम’ इस्तेमाल करने का संदेह जाहिर किया। रूस ने यह भी आरोप लगाया है कि यूक्रेन ने अपने दो संस्थानों को ऐसे दो बम बनाने का आदेश दिया है।

लंबे समय तक रहता है ‘डर्टी बम’ का प्रभाव
‘डर्टी बम’ पारंपिक बम की तरह है, लेकिन इसमें रेडियोधर्मी पदार्थों, बायोलॉजिकल या कैमिकल का इस्तेमाल कर दुश्मन के इलाके में फोड़ा जाता है। इस्तेमाल करने के बाद इससे बड़े पैमाने पर जनहानि तो होती है।