मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब कैबिनेट ने केंद्र सरकार से बेमौसमी बारिश के कारण किसानों की फसलों के हुए नुकसान के मद्देनजऱ मौजूदा सीजन में गेहूँ खरीद मापदण्डों में ढील देने की माँग की है।
इस सम्बन्धी फ़ैसला आज यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन उनके कार्यालय में हुई मंत्री मंडल की बैठक में लिया गया।
बैठक के दौरान कैबिनेट ने केंद्र सरकार से अपील की कि बिना किसी कटौती के मापदण्डों में उचित ढील दी जाये, जिससे पहले ही खऱाब मौसम की मार बर्दाश्त कर रहे राज्य के किसानों को और अधिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
गेहूँ की पकी हुई फ़सल पर पड़ी बारिश, तेज़ हवाएँ और ओलावृष्टि के कारण बहुत नुकसान हुआ है। खेतों में पानी खड़ा होने के कारण गेहूँ का दाना भी बदरंगा हुआ है। इसलिए कैबिनेट ने एकमत में केंद्र सरकार से माँग की कि गेहूँ के दानों की सिकुडऩ, बदरंगी और नमी सम्बन्धी मापदण्डों में छूट दी जानी चाहिए।
कैबिनेट ने आगे कहा कि फ़सल पालने के लिए बढ़ी लागतें और अन्य खर्चों में हुई बेतहाशा वृद्धि के मद्देनजऱ प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के बदले किसानों को मिलने वाले मुआवज़े में केंद्र सरकार का हिस्सा काफ़ी कम है। पंजाब सरकार ने हाल ही में 75 प्रतिशत से अधिक फ़सल के नुकसान के लिए किसानों को मिलने वाले मुआवज़े में अपना हिस्सा बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए प्रति एकड़ किया है। इस दौरान कैबिनेट ने केंद्र सरकार को भी प्रभावित किसानों के लिए मुआवज़ा बढ़ाने की अपील की।
कैबिनेट का तर्क था कि मौसम में अचानक आई तबदीली के कारण नुकसान बर्दाश्त करने वाले बहुसंख्यक किसानों का दर्द और पीड़ा शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। तेज़ हवाएँ और ओलावृष्टि के साथ पड़ी मूसलाधार बारिश के कारण फसलों का बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में किसानों की रोज़ी- रोटी को चोट लगी है। कैबिनेट ने केंद्र सरकार से अपील की कि तेज़ हवाएँ, बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों की खड़ी फ़सल का नुकसान हुआ है, उनको उपयुक्त मुआवज़ा दिया जाये। कैबिनेट ने कहा कि प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ मिलने वाला न्यूनतम मुआवज़ा देने के लिए नियमों में संशोधन करने की ज़रूरत है।
कैबिनेट ने याद करवाया कि पिछले तीन दशकों से पंजाब केंद्रीय पूल में गेहूँ का 40 से 50 प्रतिशत और चावलों का 30 से 35 प्रतिशत योगदान डालकर देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित बनाने के लिए हमेशा अग्रणी रहा है। किसानों के समर्पण और वचनबद्धता का अंदाज़ा इन बातों से लगाया जा सकता है कि केवल दो प्रतिशत भौगोलिक इलाका और देश की आबादी का एक प्रतिशत से भी कम होने के बावजूद पंजाब, देश के अनाज भंडार में सभी राज्यों की अपेक्षा अधिक योगदान देता है, जिस कारण पंजाब को ‘अन्न भंडार’ का उप नाम मिला है। इसलिए राज्य और किसानों को बड़ी कीमत ऊतारनी पड़ी, क्योंकि पंजाब के किसानों को अपने दो अहम प्राकृतिक संसाधनों जरख़ेज़ ज़मीन एवं पानी से वंचित होना पड़ा। इस दौरान पंजाब कैबिनेट ने जि़ला शिकायत निवारण समितियों के चेयरमैन मंत्रियों को सम्बन्धित जि़लों में अपनी निगरानी अधीन गिरदावरियाँ करवाने के लिए भी कहा, जिससे इस काम में तेज़ी आ सके।
उम्र कैद की सज़ा भुगत रहे कैदी की जल्दी रिहाई केस को हरी झंडी
कैबिनेट ने राज्य की जेल में बंद एक कैदी की जल्दी रिहाई का केस भेजने को भी हरी झंडी दे दी है। भारतीय संविधान की धारा 163 के अधीन कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद सज़ा में विशेष छूट या जल्दी रिहाई का केस भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन पंजाब के राज्यपाल को भेजा जायेगा।