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आतंकी संगठन TRF फिर कर सकता है कश्मीर में हमले, एजेंसियां सतर्क, टूरिस्ट स्पॉट्स किए बंद

पहलगाम में आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद से ही भारतीय एजेंसियां सतर्क (Indian agencies alert) हैं। इस बीच खुफिया एजेंसियों (Intelligence agencies) का इनपुट है कि पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फोर्स’ कुछ और अटैक करने की कोशिश कर सकता है। यही वजह है कि एजेंसियों के इनपुट के आधार पर कश्मीर के 50 के करीब टूरिस्ट स्पॉट्स को बंद कर दिया गया है। यह सीजन ऐसा है, जब कश्मीर में सैलानियों की बाढ़ आ जाती थी। लेकिन इस बार सीजन ठंडा ही रहने की आशंका है। यदि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तो फिर तनावपूर्ण माहौल में टूरिस्टों को आने के लिए एडवाइजरी ही जारी की जा सकती है। फिलहाल संवेदनशील इलाकों में त्वरित बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा सर्विलांस भी और मजबूत किया जा रहा है।

कश्मीर में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स की तरफ से कुछ और टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है। इसके तहत कश्मीरी पंडितों, प्रवासी मजदूरों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने की कोशिश हो सकती है। दरअसल पहलगाम अटैक में शामिल रहे एक स्थानीय आतंकी का जब घर गिराया गया तो उस पर भी आतंकी संगठन ने एक वीडियो जारी किया था। आतंकी संगठन का कहना था कि यदि इस तरह बुलडोजर ऐक्शन होगा तो फिर हमले जारी रहेंगे। इसके बाद से ही आशंका है कि टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है। इस संबंध में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में असिस्टेंट प्रोफेसर संदीप कुमार सिंह का भी कहना है कि भविष्य में इन हमलों को पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकी संगठन हथियार बना सकते हैं।

वह कहते हैं, ‘जम्मू-कश्मीर से 2019 में आर्टिकल 370 को हटाया गया था। तब से पंचायत से लेकर विधानसभा तक के चुनाव शांतिपूर्ण हुए हैं। पर्यटकों का कश्मीर में जमावड़ा लगा है और स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। वंदे भारत एक्सप्रेस श्रीनगर तक पहुंच रही है, जिससे पाकिस्तान के अंदर बौखलाहट है।’ प्रोफेसर संदीप कुमार कहते हैं कि जिस तरह से पाकिस्तान में आंतरिक कलह की स्थिति है और कश्मीर में लगातार माहौल सुधर रहा है, उससे उसे डर है कि इंटीग्रेशन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सकती है। ऐसे में दुनिया का ध्यान कश्मीर मसले की ओर आकर्षित करने, स्थानीय स्तर पर माहौल खराब करने और टारगेट किलिंग से सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की भी कोशिशें हो सकती हैं।