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Sudan: सात दिन के संघर्षविराम पर बनी सहमति, विदेशी नागरिकों की निकासी में आएगी तेजी

युद्धग्रस्त सूडान (war torn sudan) में सेना और अर्धसैनिक बल ( forces vs sudan army ) आरएसएफ के बीच सात दिनों के लिए संघर्षविराम (ceasefire for seven days) की सहमति बनी है। संघर्षविराम चार मई से लागू होगा और 11 मई तक चलेगा। इस घोषणा से सूडान में फंसे विदेशी नागरिकों (Foreign nationals stranded in Sudan) की निकासी में तेजी आ सकती है।

बता दें कि सूडान में सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच सत्ता पर कब्जे के लिए लड़ाई चलाई चल रही है जिसमें लगभग 400 लोग मारे गए हैं और तीन लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।

जुबा में दक्षिण सूडान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) एक आधिकारिक बयान में कहा, सूडान में युद्धरत पक्ष सात दिन के युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं। दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सलवा कीर मयारदित के साथ टेलीफोन पर बातचीत में युद्ध में शामिल दोनों पक्ष चार मई से 11 मई तक युद्धविराम पर सहमत हुए। सूडान सशस्त्र बल (एसएएफ) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के नेता जनरल मोहम्मद हमदान डागलो ने युद्धविराम के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। वह वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधियों को नामित करने पर भी सहमत हुए हैं।

अमेरिका ने अपने 1000 नागरिकों को सूडान से निकाला
अमेरिका ने सूडान में हिंसा शुरू होने के बाद से अब तक अपने करीब 1000 नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बताया कि बहुराष्ट्रीय प्रयास के तहत इन नागरिकों को सूडान से निकाला गया। अपने नागरिकों को सूडान से सुरक्षित निकालने के लिए 200 अमेरिकी अधिकारी संकट की शुरुआत से ही चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

सूडान से पलायन तेज
सूडान में चल रहे गृहयुद्ध ने अब तक एक लाख लोगों को घर छोड़कर सीमा पार पलायन के लिए मजबूर किया है। संघर्ष विराम का उल्लंघन कर राजधानी खार्तूम में गोलीबारी और बम धमाकों के बीच संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि तीन सप्ताह से जारी गृहयुद्ध मानवीय संकट में तब्दील हो रहा है। सूडान के गरीब पड़ोसी देश शरणार्थी संकट का सामना कर हैं।

गृहयुद्ध के कारण सूडान में सहायता पहुंचाने के रास्ते अवरुद्ध हैं जबकि वहां दो तिहाई आबादी पहले से ही बाहरी सहायता पर निर्भर है। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) में पूर्वी अफ्रीका के निदेशक माइकल डनफोर्ड ने कहा, जोखिम यह है कि यह सिर्फ सूडान का संकट नहीं है, यह एक क्षेत्रीय संकट बनने जा रहा है।

भारत ने दूतावास को खार्तूम से पोर्ट सूडान स्थानांतरित किया
वहीं, भारत ने सूडान के मौजूदा हालात को देखते हुए हिंसा प्रभावित राजधानी खार्तूम से अपने दूतावास को अस्थाई तौर पर पोर्ट सूडान स्थानांतरित करने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि खार्तूम शहर पर हो रहे हमलों और सूडान के सुरक्षा हालात को देखते हुए निर्णय किया गया है कि खार्तूम से दूतावास को अस्थाई रूप से पोर्ट सूडान स्थानांतरित किया जाएगा।

बता दें कि पोर्ट सूडान पूर्वी सूडान में लाल सागर पर एक बंदरगाह शहर है। यह खार्तूम से लगभग 850 किमी दूर है। भारत सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए पोर्ट सूडान से सैन्य विमान और नौसैनिक जहाजों का संचालन कर रहा है। खार्तूम में भारतीय दूतावास शहर में हवाई अड्डे के ठीक सामने स्थित है और उस क्षेत्र में भीषण लड़ाई चलाई चल रही है। इसे देखते हुए दूतावास परिसर में कोई भारतीय अधिकारी नहीं रह रहा। वे अपने ठहरने के स्थानों से ही काम कर रहे हैं।