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मणिपुर में उग्रवादियों के एनकाउंटर के बाद बिगड़े हालात, केंद्र ने संभाला मोर्चा

मणिपुर में ताजा हमलों और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र ने करीब 2,000 कर्मियों वाली 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को राज्य में भेजा है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए।

मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादी

गौरतलब है कि सोमवार को सीआरपीएफ के साथ भीषण मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया था।

CRPF की 15 और BSF की पांच कंपनियां

सूत्रों के अनुसार, सीएपीएफ की जिन 20 कंपनियों को मणिपुर में तैनाती का आदेश दिया गया है, उनमें 15 सीआरपीएफ की और पांच बीएसएफ की हैं। राज्य में पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद से सीएपीएफ की 198 कंपनियां पहले से ही तैनात हैं। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर के जिरिबाम में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद पिछले सप्ताह से तनाव की स्थिति बनी हुई है।

इंफाल घाटी में पूर्ण बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित

जिरीबाम जिले में उद्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और बच्चों के अपहरण के विरोध में 13 नागरिक अधिकार संगठनों द्वारा बुलाए गए पूर्ण बंद के कारण बुधवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। बंद के कारण इंफाल घाटी के पांच जिलों इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहे और सरकारी कार्यालयों में न के बराबर उपस्थिति दर्ज की गई।

बता दें कि जिरीबाम जिले में सोमवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हथियारबंद उग्रवादियों ने जाकुरधोर स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और पास में स्थित बोरोबेकरा थाने पर हमला किया था। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 10 उग्रवादी मारे गए। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ के बाद तीन महिलाओं समेत 6 लापता हैं।