बिहार के नगर विकास मंत्री नितीन नवीन ने शुक्रवार को कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत मोतिहारी, जमुई और दाऊदनगर में 280 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। इस दौरान नगर विकास विभाग को नमामि गंगे योजना अन्तर्गत मोतिहारी, जमुई और दाउदनगर में इंटरसेप्शन एण्ड डायवर्जन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए कुल 280 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी, जिसमें मोतिहारी के लिए 154 करोड़, जमुई के लिए 81 करोड़ और दाऊदनगर के लिए 44 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी।
‘इस परियोजना से मोतिहारी शहर के सभी घरों को मिलेगा लाभ’
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मोतिहारी एक बेहद ही खास शहर है, जो धनौती नदी के किनारे बसा है। धनौती नदी आगे जाकर गंगा नदी में मिलती है। ऐसे में मोतिहारी नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सभी घरों/प्रतिष्ठानों से आने वाले सीवेज को ट्रीटमेंट उपरांत प्रवाह किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे गंगा नदी की सहायक धनौती नदी में होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए इंटरसेप्शन एण्ड डायवर्जन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाना है। उन्होंने बताया कि यह निर्माण वर्ष 2047 तक की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया जाना है। इस परियोजना के माध्यम से मोतिहारी शहर के लगभग सभी घरों को लाभ मिलेगा। मोतिहारी शहर के सभी आवासीय तथा अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाले सीवेज को इंटरसेप्शन एण्ड डायवर्जन के जरिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। निर्धारित मापदण्ड के अनुसार सीवरेज को शोधित कर पुन: उपयोग किया जाएगा।
‘जल्द से जल्द निर्माण कार्य भी आरंभ होगा’
वहीं, जमुई में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर स्वीकृत की गयी राशि पर मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के बाद जमुई नगर में काफी हद तक गंदे नाले के पानी के निपटारे की समस्या दूर हो जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य दूषित हो रही नदियों को फिर से स्वच्छ बनाना है, पर्यावरण को बचाना और जमुई नगर परिषद क्षेत्र को वर्तमान में हो रहे भीषण जल जमाव के संकट से निजात दिलाना है। औरंगाबाद के दाऊदनगर में इंटरसेप्शन एण्ड डायवर्जन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिए स्वीकृत की गयी राशि पर उन्होंने कहा कि दाऊदनगर को जलजमाव और बेहतर अपशिष्ट जल प्रबंधन लिए प्रतिबद्ध अति आवश्यक एसटीपी योजना के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राशि स्वीकृत हो गयी है अब जल्द से जल्द निर्माण कार्य भी आरंभ होगा।
नवीन ने बताया कि बैठक में राज्य के नगर निकायों के लिए वाणिज्यकर विभाग द्वारा पेशाकर मद से 93.39 करोड़ की राशि सहायक अनुदान के रूप में जनसंख्या के आधार पर व्यय करने की भी स्वीकृति मिली है। नगर निगमों द्वारा उक्त राशि का व्यय अपने कार्यरत कर्मचारियों के वेतन के लिए किया जाएगा। इसमें नगर निगमों पर 39.23 करोड़, नगर परिषदों पर 34.06 करोड़ और नगर पंचायतों पर 20 करोड़ की राशि खर्च की जायेगी।