राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पार्टी के विधायक तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को 50 हजार पोस्टकार्ड पत्र भेजकर रिहाई के लिए मुहिम चलाई. दरअसल ये मुहिम तेजप्रताप यादव ने अपने पिता और (राजद) नेता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की रिहाई के लिए चलाई.विधायक तेजप्रताप यादव ने इस बात पर कहा कि जब तक उनके पिता को रिहा नहीं किया जाता, तब तक यह अभियान जारी रहेगा. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पार्टी विधायक तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पोस्टकार्ड पत्र भेजकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को रिहाई करने का अनुरोध किया. मानवीय आधार पर जेल से मुख्यमंत्री तेजप्रताप यादव ने आजादी पत्र’ कहते हुए कहा कि जब तक उनके पिता को रिहा नहीं किया जाता, तब तक यह अभियान जारी रहेगा.
पिता से मिलने का मौका मिलना चाहिए
पटना में लालू जी के अनुयायियों की तरफ से लिखे गए इन पत्रों को हम बिहार और भारत से ला रहे हैं. यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक उन्हें पिता से मिलना का मौका नहीं दिया जाता है. तब तक “मैं सभी से अपील कर रहा हूं कि वह पत्र लिखकर हमें सौंप दें और हम भारत के राष्ट्रपति को भेज देंगे.” लालू प्रसाद यादव को राज्य मेडिकल बोर्ड की सलाह पर रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था. वह शनिवार शाम रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें दिल्ली ले जाया जाएगा.
लालू के चिकित्सक डॉ उमेश प्रसाद ने पिछले महीने कहा था कि यादव की किडनी 25 प्रतिशत क्षमता पर काम कर रही है और उनकी स्थिति और भी बदतर हो सकती है.दिसंबर 2017 से जेल में बंद लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 2018 में सात साल की सजा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सात साल की सजा सुनाई गई थी. यह मामला 1991 से 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों की तरफ से दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है जब यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था.