बीकानेर। प्रदेश में रीट परीक्षा (REET Exam) में नकल रोकने के लिए इंटरनेट बंद (internet off) करने के बाद भी किसी भी सूरत में परीक्षा को पास करने वालों ने जुगत लगा ली. बीकानेर में पकड़ी गई गैंग ने बिना इंटरनेट (without internet) का उपयोग किए नकल करवाने का इंतजाम कर दिया. गैंग ने दो ने ऐसे डिवाइस ( device) बनाए जिससे आसानी से नकल करवाई जा सके।
एक छोटे काला रंग की रिमोट नुमा डिवाइस (remote device) तो वही दूसरी डिवाइस को चप्पल में लगाया गया, जो ब्लूटूथ से कनेक्ट रिमोट नुमा डिवाइस 8 सेमी लंबा और 4 सेमी चौड़ा है जिसमें मोबाइल के पार्ट को अलग-अलग करके जोड़ा गया था ताकि परीक्षार्थी आराम से बाहर से भेजे जाने वाले संदेश को सुन सके और नकल करवाने वाला मोबाइल के माध्यम से डिवाइस से कनेक्ट होकर पेपर हल करा सके. एक डिवाइस कीमत छह लाख रुपये रखी गई जिसे 25 लोगों को डेढ़ करोड़ रुपये में बेची गई।
डिवाइस अंडरगारमेंट में भी छिपाया जा सकता था. पुलिस की जांच में गैंग के सदस्य मदन लाल ने खुलासा किया कि रिमोटनुमा महिला और पुरुषों को दिया गया था, जिन्होंने अपने कपड़ों में इस डिवाइस को छिपाया था. महिलाओं द्वारा इस डिवाइस छिपाने के लिए सैनिटरी नैपकिन लगाने की बात भी सामने आई है। रिमोटनुमा डिवाइस 8 सेमी लंबा और 4 सेमी चौड़ा है जिसमें मोबाइल के पार्ट को अलग-अलग करके जोड़ा गया था।
बैटरी, सिम और मोबाइल चिप का इस्तेमाल किया गया. जांच में सामने आया कि इस डिवाइस में किसी तरह का बटन नहीं था. इसे सीधे कॉल से जुड़ना था।
चप्पल में भी थे मोबाइल पार्ट
इस गैंग ने नकल के लिए चप्पल में भी मोबाइल पार्ट लगाकर तैयार किए. गैंग ने चप्पल को काटकर उसके बीच मे बैटरी, सिम केश सहित अन्य सामग्री ला दी ताकि वह बिलकुल सामान चप्पल जैसी दिखे. इन दोनों डिवाइस से परीक्षर्थियों से नकल कराने वाली गैंग को कनेक्ट होना था, जो सभी प्रश्नों के उत्तर एक-एक कर बताने वाले थे. परीक्षर्थीओ के कान में लगे बग के माध्यम से पूरे उत्तर पहुंच जाते. इस काम का मास्टरमाइंड तुलसीराम कलेर और उसका साथी मदनलाल परीक्षार्थियों को ढूंढ़कर डिवाइस बेचने का काम कर रहा था. डिवाइस खरीदने में प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 25 परीक्षार्थी थे जिनमें से कुछ पुलिस के हाथ लग चुके हैं।
परीक्षार्थियों को पहले ही समझाया था नकल का तरीका
परीक्षार्थियों को पहले ही नकल का तरीका समझाया था. उन्हें नकल का पूरा प्रॉसेस परीक्षार्थियों को पहले ही बता दिया था. परीक्षार्थियों से दो मोबाइल लिए गए थे. एक मोबाइल को डिवाइस बनाने के काम लिया जबकि दूसरा मोबाइल सरगना ने अपने पास रखा. ये तय हुआ था कि परीक्षा शुरू होने के साथ ही सभी 25 मोबाइल सामने रखकर एक साथ उत्तर दिए जाएंगे. नकल के लिए इस गैंग को पेपर मिला या नहीं? ये अभी तय नहीं है. बीकानेर पुलिस इसकी जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि गैंग में कई लोग शामिल हो सकते हैं. एएसपी शैलेन्द्र इंदौलिया ने बताया की पकड़े गए 5 सदस्यों को आज कोर्ट में पेश किया गया जहां से एक महिला आरोपी को जेल भेज दिया गया है. वही अन्य चारों को रिमांड पर लिया गया है. पुलिस को उम्मीद है की रिमांड के दौरान और भी खुलासे हो सकते है।