बाराबंकी। हिंदुत्व की गर्जना एवं श्री राम मंदिर आंदोलन के महानायक परम श्रीराम भक्त एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी का अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू नदी के तट पर कराया जाए ।क्योंकि स्वर्गीय श्री सिंह जीवन पर्यंत तक अयोध्या धाम एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामजी से जुड़ाव रखते रहे हैं। उक्त बात सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए बातचीत के दौरान कही।
श्री भैया ने कहा कि वह जब श्री राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे तो उस समय परम सम्मानीय कल्याण सिंह जी का मार्गदर्शन उनमें उत्साह भरता था। यही नहीं मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े अन्य लाखों लोगों में भी कल्याण सिंह जी का उद्बोधन एक नई ताकत व स्फूर्ति प्रदान करता था। श्री राम मंदिर के लिए अपनी सरकार तक को कुर्बान कर देने वाले तथा कारसेवकों पर गोली चलवाने से इंकार कर देने वाले हिंदुत्व के महानायक का निधन वास्तव में अत्यंत दुखद है। यह देश की अपूरणीय क्षति है।
राजू भैया ने कहा कि वैसे स्वर्गीय श्री सिंह का अंतिम संस्कार नरौरा घाट गंगा जी पर23 को होने जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार कहां हो इसका निर्णय लेने का अधिकार उनके अपने परिजनों को है। लेकिन एक आम राम भक्त के नजरिए से मेरी मांग है की कि अयोध्या से कल्याण सिंह जी का जुड़ाव देखते हुए उनका अंतिम संस्कार यदि सरयू नदी के तट पर किया जाए तो यह अत्यंत अच्छा निर्णय होगा। राजू भैया ने कहा कल्याण सिंह जी जीवित रहते कहा करते थे कि उनका जन्म ही राम काज के लिए हुआ है। ऐसे में उनका अंतिम संस्कार अयोध्या में हो तथा उनका एक समाधि स्थल भी अयोध्या में बनाया जाना चाहिए। यह कहीं ना कहीं आवश्यक हो जाता है। कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया ने कहा कि कल्याण सिंह जी सच्चे राम भक्त थे। सही मायने में वह एक सच्चे राजनैतिक संत थे। वह देश व दुनिया के कोने कोने में बसे करोड़ों श्री राम भक्तों के हृदय में हमेशा वैचारिक रूप से जीवित रहेंगे।
उन्होंने कहा यह मेरी निजी राय है कि सरयू जी के तट पर कल्याण सिंह जी का अंतिम संस्कार हो। मेरी राय में अन्य तमाम लोग भी शामिल है। लेकिन फिर भी उनका अंतिम संस्कार यदि गंगा जी के तट पर तय किया गया है। तो इसे भी विद्वान लोगों ने अथवा उनके परिजनों में तय किया होगा। मेरी सहमति इसमें भी है। राजू भैया ने कहा लेकिन यह जरूर है कि स्वर्गीय कल्याण सिंह जी के नाम के सशक्त हस्ताक्षर अयोध्या धाम में किसी न किसी रूप में अवश्य होने चाहिए। जिससे कि आने वाली पीढ़ी श्री राम मंदिर आंदोलन में उनके योगदान को सदा सदा के लिए हमेशा जान सके और उससे लगातार परिचित होती रहे।