हथियार दिखाकर धमकाने, भड़काऊ भाषण देने व सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो पोस्टर करने के मामलों में पंजाब पुलिस ने 9800 लाइसेंस सस्पेंड किए हैं। पंजाब डीजीपी गौरव यादव के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अब भड़काऊ भाषण देने पर या हथियार दिखाकर धमकाने के मामलों में बिल्कुल भी ढील नहीं बरती जाएगी। ऐसे मामले संज्ञान में आते ही सबसे पहले दोषियों के आर्म्स लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे।
2300 लोगों की सुरक्षा वापस ली
पुलिस ने अब तक 2300 लोगों से पुलिस सुरक्षा वापस ली है। प्रदेश में 21 से 40 साल के उम्र के बीच जिन लोगों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई है, इस पर सिक्योरिटी रिव्यू किया जा रहा है। जिन 2300 लोगों से सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें प्रदेश के कई कारोबारी, राजनीतिक दलों के जिला स्तर के प्रधान, उद्योगपति और व्यापारी आदि शामिल हैं।
खुफिया रिपोर्ट में खुलासा, प्रदेश में लाइसेंसी से दोगुना अवैध हथियार
इंटेलिजेंस विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल ही में उनकी ओर से डीजीपी को एक रिपोर्ट सौंपी गई है, जिसमें यह खुलासा किया है कि प्रदेश में 4 लाख आर्म्स लाइसेंसधारी के अलावा दोगुना 7 से 8 लाख अवैध हथियार बाजार में लोगों के पास हैं। इनमें ज्यादातर हथियार मध्य प्रदेश से लाने की बात सामने आई है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि पंजाब में अवैध हथियारों का गिरोह पाकिस्तान, यूएसए, इटली, जर्मनी और कनाडा से अलग-अलग गैंगस्टरों की ओर से ऑपरेट किया जा रहा है।
फर्जी हस्ताक्षर का तोड़ निकालने में जुटा प्रशासन
9800 लोगों के आर्म्स लाइसेंस सस्पेंड करते समय पुलिस और जिला प्रशासन के सामने एक और बड़ी चुनौती सामने आई है। डीजीपी ने बताया कि देखने में आया कि कई जिलों में डीसी और अन्य अफसरों के जाली हस्ताक्षर कर आर्म्स लाइसेंस जारी किए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है।