पंजाब विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही किसानों ने अपनी मांगों को लेकर चंडीगढ़ में धरना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों की तरह किसान संगठन भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सेक्टर-34 स्थित गुरुद्वारा साहिब के सामने एक महापंचायत हुई और वहां भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले किसानों ने मेला ग्राउंड में मार्च निकाला।
सोमवार को चंडीगढ़ पुलिस की मौजूदगी में भारतीय किसान यूनियन और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के एक हजार सदस्य मेला ग्राउंड से मटका चौक पर मांग पत्र सौंपने पहुंचे। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने मांग पत्र लिया। उन्होंने किसानों और मजदूरों के संघर्ष की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे यूनियनों के वकील के तौर पर मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपेंगे। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि जब तक सत्र चलेगा तब तक मार्च जारी रहेगा। 5 सितंबर को बैठक कर अगली रणनीति तय की जाएगी। विरोध के बाद पुलिस ने किसानों को बसों में बिठाकर सेक्टर-34 के मेला ग्राउंड में भेज दिया। वहीं, 500 मीटर की दूरी पर सेक्टर-34 गुरुद्वारे के सामने पार्किंग में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से महापंचायत हुई, जिसमें करीब 10 हजार किसान पहुंचे. ज्यादातर किसान बसों और कारों से आए थे।
सड़कों पर जाम, फंसी एंबुलेंस
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के एक हजार किसान अपना मांग पत्र सौंपने के लिए सोमवार शाम 4 बजे मटका चौक के लिए रवाना हुए। इस बीच सड़कों पर जाम लग गया। शाम को ऑफिस से घर जा रहे लोग करीब आधे घंटे तक जाम में फंसे रहे। पी.जी.आई , सेक्टर-16 जनरल अस्पताल जा रही एंबुलेंस भी जाम में फंस गई।