विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता विकास प्रभाकर की हत्या मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साथ जॉइंट ऑपरेशन में विहिप नेता प्रभाकर की हत्या में शामिल आर्म्स सप्लायर को दबोचा है।
आर्म्स सप्लायर की पहचान धर्मिंद्र उर्फ कुनाल के रूप में हुई है। एनआईए दिल्ली के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पकड़ा गया आर्म्स सप्लायर धर्मिंद्र उर्फ कुनाल वीएचपी नेता विकास प्रभाकर की हत्या में आर्म्स सप्लाई कराने की कड़ी में मुख्य आरोपी है, जिसकी एनआईए को लंबे समय से तलाश थी, सोमवार को एनआईए और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने जॉइंट ऑपरेशन में आरोपी को दबोचा। आरोपी को दबोचकर हत्या कराने के पीछे सामने आय विदेश लिंक को खंगाला जा रहा है।
इससे पहले पंजाब पुलिस ने 12 अगस्त को वीएचपी नेता विकास प्रभाकर के हत्याकांड मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को जिन दो लोगों की तलाश थी, उनमें से एक मुकुल मिश्रा को गिरफ्तार किया था। लुधियाना काउंटर इंटेलिजेंस और कमिश्नरेट पुलिस ने इनपुट के आधार पर पंजाब व जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में छापे मारकर आरोपी को दबोचा गया था। आरोपी मुकुल ने खाते में आए पैसों से इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हथियार खरीदकर दिए थे। इस मामले में दो अन्य आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं, जिनकी धरपकड़ के लिए छापामारी जारी है।
अप्रैल में हुई थी हत्या
13 अप्रैल 2024 की शाम को नंगल के रेलवे रोड दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर विकास प्रभाकर की हत्या कर दी थी। पुलिस ने दो शूटरों मंदीप कुमार उर्फ मंगी और सुरिंदर कुमार उर्फ रिक्का को .32 बोर के दो पिस्तौल के साथ चार महीने पहले गिरफ्तार किया था। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच के दौरान कुछ वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड बरामद हुए थे। जांच में पता चला कि मुकुल के खाते में विदेश से पैसा आया था, जिसका उपयोग हथियार खरीदने के लिए किया गया था। पुलिस टीमों ने हथियार खरीदने वाले एक अन्य व्यक्ति समेत दो संदिग्ध व्यक्तियों की भी पहचान की है।