प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के ‘आइकानिक वीक समारोह’ का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने 1, 2, 5, 10 और 20 रुपयों के सिक्कों की नई श्रृंखला भी जारी की. ये सिक्के आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित किए गए हैं. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि ये सिक्के लगातार लोगों को अमृत काल के लक्ष्यों की याद दिलाएंगे और उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित करेंगे.
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में उपस्थित वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधिकारियों, कर्मचारियों से कहा, ‘आप सभी इस विरासत का हिस्सा हैं. देश के आम जन के जीवन को आसान बनाना हो, या देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करना हो, बीते 75 वर्षों में अनेक साथियों ने इसमें बहुत योगदान दिया है. बीते वर्षों में वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट मंत्रालय ने अपने कार्यों के द्वारा, सही समय पर सही निर्णयों के द्वारा अपनी एक विरासत बनाई है, एक बेहतरीन सफर तय किया है.’
वित्त और कार्पोरेट कार्य मंत्रालय 6 से 11 जून तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आइकानिक समारोह आयोजित करेगा. इस दौरान कार्पोरेट कार्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय का प्रत्येक विभाग अपने समृद्ध इतिहास और विरासत के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्परता का प्रदर्शन करेगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए ‘जन समर्थ पोर्टल’ शुरू किया. यह पोर्टल अलग-अलग योजनाओं को एक ही मंच पर उपलब्ध कराएगा. यह अपने आप में पहला ऐसा पोर्टल होगा जो लाभार्थियों को ऋणदाताओं से जोड़ेगा.
भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया: PM मोदी
पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘आज यहां रुपये की गौरवशाली यात्रा को भी दिखाया गया. इस सफर से परिचित कराने वाली डिजिटल प्रदर्शनी भी शुरू हुई और आजादी के अमृत महोत्सव के लिए समर्पित नए सिक्के भी जारी हुए. आजादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में नए आयाम को जोड़ा. आजादी का यह अमृत महोत्सव सिर्फ 75 वर्षों का उत्सव मात्र नहीं है, बल्कि आजादी के नायक, नायिकाओं ने आजाद भारत के लिए जो सपने देखे थे, उन सपनों को परिपूर्ण करना, उन सपनों में नया सामर्थ्य भरना, और नए संकल्पों को लेकर आगे बढ़ने का पल है. भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है. इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है.’
21वीं सदी का भारत पीपल-सेंट्रिक गवर्नेंस एप्रोच के साथ आगे बढ़ा है: PM मोदी
उन्होंने बीते 8 वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा, ‘स्वच्छ भारत अभियान ने गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया. पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई, सुविधा बढ़ाई. कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई. सबसे बड़ी बाद देश के लोगों में अभाव से बाहर निकलकर सपनें देखने और उन्हें साकार करने का नया हौंसला हमें देखने को मिला. देश की आधी आबादी, जो देश के विकास के विमर्श से, फॉर्मल सिस्टम से वंचित थी. उसका इन्क्लूजन हमने मिशन मोड में किया. वित्तीय समावेशन का इतना बड़ा काम, इतने कम समय में दुनिया में कहीं नहीं हुआ है. आज 21वीं सदी का भारत पीपल-सेंट्रिक गवर्नेंस एप्रोच के साथ आगे बढ़ा है.’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जनता ही है जिसने हमें अपनी सेवा के लिए यहां भेजा है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये जनता ही है जिसने हमें अपनी सेवा के लिए यहां भेजा है. इसलिए ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम जनता तक स्वयं पहुंचे. अलग-अलग मंत्रालयों के अलग-अलग वेबसाइटों के चक्कर उसे लगाने से बेहतर कि वो भारत सरकार के एक पोर्टल तक पहुंचे, और उसकी समस्या का समाधान हो. आज ‘जन समर्थ पोर्टल’ लॉन्च किया गया है, वो इसी लक्ष्य के साथ बढ़ाया गया है. ये जनता ही है जिसने अपनी सेवा के लिए हमें यहां भेजा है. इसलिए हमारी ये सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम खुद जनता तक पहुंचे. हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचना, उसे पूरा लाभ पहुंचाना ये दायित्व हम पर है. इसलिए 30,000 से ज्यादा कंप्लायंसेज को कम करके, 1500 से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को डिक्रिमिनलाइज करके, हमने सुनिश्चित किया है कि भारत की कंपनियां न सिर्फ आगे बढ़ें बल्कि नई ऊंचाई प्राप्त करें.’
सुधार के साथ ही हमने सरलीकरण पर ध्यान दिया, GST उसका उदाहरण है: PM
उन्होंने कहा, ‘बीते आठ वर्षों में देश ने जो रिफॉर्म्स किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि हमारे देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले. हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वो अपने उद्यम आसानी से बना पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं. रिफॉर्म्स- यानी सुधार के साथ ही हमने जिस बात पर फोकस किया, वो है सरलीकरण. केंद्र और राज्य के अनेक टैक्सों के जाल की जगह अब GST ने ले ली है. इस सरलीकरण का नतीजा भी देश देख रहा है. अब हर महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार जाना सामान्य बात हो गई है. दुनिया के एक बड़े हिस्से को भारत से समस्याओं के समाधान की अपेक्षा है. ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 8 सालों में हमने सामान्य भारतीय के विवेक पर भरोसा किया. हमने जनता को विकास में बुद्धिमान प्रतिभागी के रूप में प्रोत्साहित किया.’