जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुए घातक आतंकवादी हमले (Terrorist attacks) के बाद भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) दोनों के बीच में तनाव बढ़ा हुआ है। भारत की तरफ से सिंधु जल संधि रद्द करने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने इस नदी पर नहर बनाने की परियोजना को रोकने का निर्णय लिया है। इस महत्वाकांक्षी चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पंजाब के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई करने के लिए किया था।
स्थानीय राज्य सरकार और पाक केंद्र सरकार के सहयोग से शुरू की जाने वाली इस परियोजना स्थानीय पार्टियों ने विरोध शुरू कर दिया था। मरियम सरकार का हिस्सा पीपीपी ने भी इस परियोजना का विरोध किया था, जिस पर राज्य के माहौल में तनाव की स्थिति बन गई थी। हालांकि अब भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच में पाक सरकार को परियोजना रोकने का मौका मिल गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के साथ मुलाकात करके नहर परियोजना को रोकने पर सहमति जताई थी।
दोनों पक्षों ने इस इस बात पर भी सहमति जताई थी कि विवादास्पद नहर परियोजना तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि प्रांतों के बीच विवादों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय अंतर-प्रांतीय निकाय ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स’ (सीसीआई) में इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन जाती।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने देश की स्थिति और नदियों के संबंधित भारत की घोषणाओं पर विस्तार से विचार किया है।
उन्होंने कहा, “आज (शुक्रवार को) पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच बैठक में हमने आपसी सहमति से फैसला किया है कि जब तक सीसीआई में आपसी सहमति से कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई और नहर नहीं बनाई जाएगी और संघीय सरकार ने फैसला किया है कि प्रांतों के बीच आम सहमति के बिना नहरों पर आगे कोई प्रगति नहीं होगी।”
सीसीआई की बैठक दो मई को होगी, जिसमें पीपीपी और पीएमएल-एन के निर्णयों के समर्थन को लेकर विचार किया जाएगा।