मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब वीर सावरकर का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा रामायण से लेकर परशुराम तक नई शिक्षा नीति में शामिल किए गए हैं. राज्य में इसी वर्ष चुनाव होने है. लिहाजा अलग-अलग मुद्दों पर जमकर सियासत भी हो रही है. फिलहाल ताजा मामला वीर सावरकर को लेकर है.
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमने तय किया है कि अब मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चे वीर सावरकर की गाथा पढ़ेंगे. कांग्रेस ने हमेशा इसे पाठ्यक्रम से दूर रखा. मगर अब शिक्षा नीति 2020 में हमने इसे जोड़ा है. यही नहीं इसके अलावा भगवान परशुराम के बारे में गीता, रामायण इन सभी के बारे में बच्चों को पढ़ाया जाएगा.
वहींं इस मामले पर अब जमकर सियासत भी हो रही है. कांग्रेस पहले ही वीर सावरकर के खिलाफ रही है. राहुल गांधी संसद से लेकर सड़क तक सावरकर का विरोध कर चुके हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज का कहना है कि सावरकर को पढ़ाने से क्या सिखाएंगे? क्या ये सिखाएंगे कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. अगर पढ़ाना ही है तो गांधी से लेकर पटेल के बारे पढ़ाएं. बीजेपी को पता है की उनकी सरकार जा रही है इसलिए लोगों को गुमराह करना चाहते हैं. वरना 20 वर्षों से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है.
अब तक ऐसे विषयों पर क्यों चुप रही बीजेपी. फिलहाल देखना दिलचस्प होगा की ऐसे फैसलों का अभिभावक और छात्र कैसे स्वागत करते है. अभी नई किताबें नहीं आई हैं. वहीं हाल ही में यूपी में भी सावरकर सहित 50 महापुरुषों की जीवनी को 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में जोड़ा गया.