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मान सरकार ने 2 सालों में पंजाब के लोगों को दी 5 में से 4 गारंटियां पूरी की : चीमा

पंजाब के बजट 2024-25 पर बहस के दौरान पंजाब विधान सभा के सदस्यों द्वारा उठाए गए अलग- अलग मुद्दों का जवाब देते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के लोगों को दीं 5 में से 4 गारंटियों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि दो सालों में पूरी होने वाली गारंटियों में 829 आम आदमी क्लीनिक स्थापित करके स्वास्थ्य ढांचे में सुधार, स्कूल आफ एमिनेंस स्थापित करके शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार, 300 यूनिट मुफ़्त बिजली की व्यवस्था के साथ 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ़्त बिजली देना, और शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए 1 करोड़ रुपए का अनुदान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रहती गारंटी भी जल्दी ही पूरी की जायेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों को इन गारंटियों की पूर्ति के बारे कोई जानकारी नहीं है क्योंकि यह राज्य के आम लोगों से सम्बन्धित हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के ज़्यादातर विधायक कुलीन वर्ग से सम्बन्धित होने के कारण न तो वह आम आदमी क्लीनिक जाते हैं और न ही उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और उनके घरों का बिजली का बिल 300 यूनिट से अधिक है। उन्होंने कहा कि यही कारण हो सकता है कि विरोधी पक्ष के नेता ने सिर्फ़ एक गारंटी का जिक्र किया और पंजाब सरकार द्वारा पूरी की गई अन्य गारंटियों के बारे बात करने में असफल रहे।

उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष के कुछ सदस्यों का कहना है कि बजट में कुछ अहम पहलूओं की जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने बहुत मेहनत के साथ बजट से सम्बन्धित सभी दस्तावेज़ तैयार किये हैं परन्तु शायद विरोधी पक्ष के इन सदस्यों ने बजट को ध्यान के साथ नहीं पढ़ा, जिस कारण वह कई पक्षों से अनजान ही रहे।

उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष के कुछ सदस्यों ने सवाल किया था कि कौन से कौन से विभागों में नौकरियाँ दीं गई हैं, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विधान सभा स्पीकर के द्वारा विरोधी पक्ष के नेता को सूची भेज दी है। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि शिक्षा का बजट कम हुआ है जबकि शिक्षा के बजट में 11.5 प्रतिशत का विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया कि इसी तरह कृषि के बारे भी चर्चा की गई जिसमें पिछले साल के संशोधित बजट 13236 करोड़ रुपए के मुकाबले अगले वित्तीय साल के लिए 13784 करोड़ रुपए रखे गए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी सवाल है कि क्या पंजाब सरकार के इलावा सरकार की और कौन सी संस्था ने कर्ज़ लिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य सरकार की किसी भी संस्था ने कर्ज़ नहीं लिया है जबकि कांग्रेस सरकार के समय पर ग्रामीण विकास बोर्ड के द्वारा 5450 करोड़ रुपए और मंडी बोर्ड के द्वारा 4090 करोड़ रुपए समेत कुल 9530 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया गया था, जबकि किसानों को कर्ज़ माफी के तौर पर सिर्फ़ 4400 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

उन्होंने आगे कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार की 6279 करोड़ रुपए की बकाया देनदारियां मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अदा की हैं। उन्होंने कहा कि इसके इलावा बिजली सब्सिडी के बकाए 9000 करोड़ रुपए 1000 करोड़ रुपए लिकवीडेशन योजना के अनुसार जारी किये जा रहे हैं, इसके इलावा भी पावर निगम को 2468 करोड़ रुपए के बकाया जारी किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी स्केल और जुडिशियल पे कमीशन जो कि 1. 1. 2016 से बकाया था, इस सरकार की तरफ से लागू किया गया है।

भाजपा मैंबर की तरफ से उठाए गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, ग्रामीण विकास फंड, मंडी विकास फंड, और पूँजी निवेश के लिए राज्य को विशेष सहायता समेत अब तक 8000 करोड़ रुपए निर्धारित फंड जारी नहीं किये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिक केंद्रीय खजाने में बराबर का योगदान डालते हैं, इसलिए राज्य का इस पर बराबर का हक है और कोई भीख नहीं माँग रहा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के 40 प्रतिशत योगदान के साथ कई केंद्र राज्य सपांसरड स्कीमें चलाईं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में 25000 रुपए प्रति महीना तनख़्वाह पर रेगुलर किये गए अध्यापक भी पहले अकाली-भाजपा सरकार के समय पर इसी तरह की स्कीम के अंतर्गत नाममात्र वेतन पर काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वित्तीय साल 2022-23 के दौरान राज्य के अपने कर राजस्व में विस्तार 13 प्रतिशत था जो वित्तीय साल 2023- 24 के दौरान 14 प्रतिशत रहा जबकि पिछली सरकारों के दौरान यह सिर्फ़ 6 से 8 प्रतिशत ही रहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से मार्च 2022 में सत्ता संभालने के समय आबकारी से राजस्व 6151 करोड़ रुपए था, जबकि अब 10,350 करोड़ रुपए इकठ्ठा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यह पारदर्शी आबकारी नीति और सख़्त चौकसी लागू होने के कारण ही संभव हो सका है। पिछली सरकारों के आंकड़ों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा शासन के दौरान पूँजी खर्च में भी काफ़ी विस्तार हुआ है।

वित्त मंत्री ने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी और पंजाब यूनिवर्सिटी को दीं ग्रांटों का स्पष्ट जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वित्तीय साल 2023- 24 के संशोधित बजट अनुमानों के अनुसार पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ और पीएयू लुधियाना को क्रमवार 360 करोड़ रुपए, 101 करोड़ रुपए और 475 करोड़ रुपए अलाट किये गए थे और 2024- 25 के बजट अनुमानों में 375 करोड़, 140 करोड़ और 471 रुपए अलाट किये गए हैं। उन्होंने कहा कि यूजीसी स्केल पीएयू में 1. 4. 2023 से लागू कर दिए गए हैं और मई, 2023 से भुगतान जारी किया जा रहा है।

अपने जवाब की समाप्ति करते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह बजट आम लोगों की ज़रूरतों, कृषि क्षेत्र, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र, रोज़गार और राज्य के नौजवानों की उम्मीदों को मुख्य रखते बनाया गया है।