महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) ने अपने उप मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) द्वारा पूर्ववर्ती सरकार में लिए एक फैसले पर रोक लगा दी है और उसकी जांच के आदेश दिए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे। पिछली सरकार में परिवहन विभाग तब के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास था। यह मामला उसी विभाग से जुड़ा हुआ है। शिंदे ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के लिए बसें किराए पर लेने का फैसला किया था लेकिन अब फडणवीस ने उस फैसले पर ना सिर्फ रोक लगाई है बल्कि उसकी जांच के भी आदेश दिए हैं।
अब राज्य में नई महायुति सरकार के कार्यभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस हर विभाग के काम की समीक्षा कर रहे हैं और पहले 100 दिनों के कार्यकाल के लिए उनकी योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने प्रेजेंटेशन दिए जाने के बाद सोमवार को परिवहन विभाग का जायजा लेते हुए शिंदे के फैसले की समीक्षा कराने की बात कही थी लेकिन अब उस पर रोक लगाकर जांच के आदेश दिए गए हैं।
हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है कि मुख्यमंत्री पिछली सरकार के और भी फैसलों की समीक्षा करेंगे या नहीं। विपक्ष ने किराए पर बस लेने की योजना में 2800 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगाए थे। विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं मिला है। महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष दानवे ने इस मामले में घोटाले के आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 2022 में एमएसआरटीसी ने तेल समेत 44 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से बस किराए पर लिया था।
विभागीय प्रजेंटेशन के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों ने फडणवीस को बताया कि MSRTC ने हाल ही में 1,310 बसों को किराए पर लेने के लिए तीन निजी कंपनियों को आशय पत्र (LoI) दिया था। इसमें ईंधन लागत को छोड़कर 34.70 रुपये से 35.10 रुपये प्रति किमी की दर से बसों को किराया भुगतान करने का फैसला किया गया है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि 2022 में MSRTC ने ईंधन लागत समेत 44 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से बसें किराए पर ली थीं।
अधिकारियों ने कहा कि अगर ईंधन की लागत 22 रुपये प्रति किमी को ध्यान में रखे तो प्रत्येक बस की लागत 56 से 57 रुपये प्रति किमी बैठ रहा है, जो पिछले समझौते की तुलना में प्रति किमी 12 से 13 रुपये ज्यादा है। इसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने 1310 बसों को किराए पर लेने के फैसले पर रोक लगा दी। मुख्यमंत्री ने विभाग के अतिरिक्त सचिव को मामले की जांच करने का भी आदेश दिया है और इस मामले में रिपोर्ट तलब किया है।
फडणवीस के फैसले ने पूर्व सीएम शिंदे के फैसले की योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं क्योंकि टेंडर प्रक्रिया सितंबर 2024 में शुरू की गई थी, जब वह मुख्यमंत्री थे और परिवहन विभाग के प्रमुख थे। इसके अलावा, शिंदे के करीबी सहयोगी भरत गोगावाले को सितंबर 2024 में ही MSRTC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। दिसंबर में, MSRTC ने तीन निजी कंपनियों को एलओआई जारी किए थे।