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‘कर्नाटक दिवालिया नहीं, हमारी इकॉनोमी स्थिर’, CM सिद्धारमैया ने खारिज किया BJP का दावा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विपक्ष की ओर से लगाए गए वित्तीय संकट के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. बीजेपी की ओर से दावा किया गया था कि राज्य की वित्तीय स्थिति चरमराने की कगार पर है और सरकार की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया गया और अब विपक्ष में बैठकर वे खुद को महान अर्थशास्त्री बता रहे हैं.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि 31 मार्च 2023 तक अलग-अलग विभागों में 2,70,695 करोड़ रुपये के भुगतान लंबित थे. इनमें सार्वजनिक निर्माण, जल संसाधन और आवास विभाग शामिल हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन निधि से बिना किसी वित्तीय योजना के 1,66,426 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गई थीं.

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर कर्नाटक के साथ वित्तीय भेदभाव करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि टैक्स विभाजन की नई प्रणाली की वजह से कर्नाटक को केवल 51,000 करोड़ रुपये मिले जबकि राज्य को 73,000 करोड़ रुपये मिलने चाहिए थे. इसके अलावा उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जीएसटी नुकसान की भरपाई बंद कर दी है जिससे कर्नाटक को सालाना 18,000-20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है.

सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों की वजह से कर्नाटक की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में औसत बजट बढ़ोतरी दर 18.3% रही है जबकि बीजेपी के चार साल के शासन में ये केवल 5% थी. उन्होंने दावा किया कि टैक्स रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी हुई है और राज्य प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और सब्सिडी योजनाओं के तहत सालाना 90,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.

सीएम ने केंद्र सरकार की ऋण नीति पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2013-14 में केंद्र सरकार की देनदारियां 53.11 लाख करोड़ रुपये थीं जो मार्च 2026 तक बढ़कर 200.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है. उन्होंने कहा कि इस बढ़ते कर्ज ने राज्यों की वित्तीय स्थिति को कमजोर कर दिया है. सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार पूंजीगत व्यय पर विशेष ध्यान दे रही है और राज्य के कुल बजट का 15.01% इस क्षेत्र में निवेश कर रही है जो महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना से ज्यादा है. उन्होंने विपक्ष से झूठ फैलाना बंद करने और राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करने की अपील की.