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बनीकोडर में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर जमकर की जा रही है धांधली

रिपोर्ट : अमर बहादुर सिंह रामसनेहीघाट बाराबंकी : ब्लॉक बनीकोडर अंतर्गत आवासों के नामपर जहा धन उगाही के आरोप लग रहे वही पात्रो की जगह अपात्रो को आवास की सुबिधा दिया गया कई ऐसे मामले निकल कर सामने आये है जो बहुत ही निंदनीय है सूची से छेड़छाड़ कर नाम काटकर ऊपर नीचे किये जाने का मामला प्रकाश  में आया है अधिकारी जानते हए भी अंजान बने हए है।


ब्लॉक बनीकोडर में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर जमकर धांधली की जा रही है पात्रता की जांच कैसे और किस तरह की गई यह समझ से परे है। एक तरफ मोदी सरकार के द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना चलाई गई जिसका उद्देश्य बेघरों की अपनी छत नसीब हो और वह अपने परिवार के साथ अपनी पक्की छत के नीचे रहकर जीवन बसर कर सके।

लेकिन प्रधानों व ग्राम पंचायत सचिवों के द्वारा आवास योजना में कुछ इस प्रकार की धन उगाही की जा रही है जिसका कोई जवाब नहीं है । ब्लॉक बनीकोडर में 87 ग्राम पंचायत है जिनमे कुछ ही ग्राम पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास की सुबिधा उपलब्ध हो सकी है।जिन ग्राम पंचायतों में आवास दिए गए है उन ग्राम पंचायतों में पात्रो की सख्या की अपेक्षा आपत्रो की सख्या ज्यादा है। एक कहावत है’,”होनहार विरवान के होत चिकने पात”” अर्थात अभी नए निर्वचित ग्राम प्रधानों द्वारा ही शुरुआत में ही ऐसे कर रहे है तो आगे और क्या गुल खिलाएंगे यह स्वत् स्पस्ट हो रहा है। किसान यूनियन द्वारा प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया और कई दिन तक ब्लॉक परिसर में हड़ताल भी किया किन्तु अधिकारियों की वजह से मामला ठंडे वास्ते में चला गया। हद तो तब हो गई जब लोगो ने बताया की प्रधान द्वारा कई लोगो की कालोनी में आये नाम को भी कटवा दिया गया.

प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी की साठ गांठ का नतीजा ये है की लगातार लोग परेशान भी है साथ ही दर दर की ठोकरे भी खा रहे है
आलम ये है की प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के द्वारा लोगो के अशिक्षित होने का फायदा भी जमकर उठाया जा रहा है ऐसे में सवाल ये है की आखिर गरीब कहा जाये की उसे न्याय मिल सके प्रधान के द्वारा कई लोगो के जॉब कार्ड में भी हेरा फेरी की गई काम करे कोई और और पैसा पाए कोई यह नीति भेन्दुवा बहरेला में अपनाई जा रही है । मनरेगा योजना में खेत समतलीकरण के नाम पर जारी एम आर मजदूरों के नामपर महज आठ दस मजदूरों द्वारा ही कार्य कराया गया ।और खातों में पैसा जो काम करने नही गए उन लोगो के खातों में गया ।
लगातार हो रही धोखा धड़ी से लोग परेशान है साथ ही इसपर जब बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने भी ये कहकर पल्ला झाड़ लिया की अभी तक उनके पास कोई भी शिकायती पत्र नहीं पहुंचा जबकि किसान यूनियन द्वारा ज्ञापन में आरोप लगाया है।

मीडिया  से बात चीत में भेन्दुवा बहरेला के लोगो ने बताया है की उन लोगो को आवास का लाभ दिया गया है जिनके पहले से ही पक्के मकान बने हुए है । एक एक घर मे दो दो आवास दिया गया । जबकि झोपडी व कच्चे मकान में रहने वालों को नही आवास की सुबिधा दी गई। अब सवाल उन अधिकारियो पर उठता है जो आवास योजना की जाँच करने गए थे क्या उन्होंने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया अधिकारियो की लापरवाही व सांठ गांठ का नतीजा आज गरीब लोग भुगत रहे है ।

दूसरी तरफ सरकार पात्रो को आवास का लाभ मिले इसके लिए बाकायदा जिले से लेकर ब्लॉक तक जांच टीम भी बनाया है परंतु राजनीति रसूख रखने वाले ग्राम प्रधान जांच अधिकारी पर दबाव बनाकर पात्रो की जगह अपात्रों को आवास सुबिधा देने में सफल हो रहे है। तो प्रधानमंत्री का सपना हर गरीब की छत का कैसे होगा पूरा यह बड़ा सवाल बना हुआ है।