धनतेरस आज यानी 2 नवंबर, मंगलवार को है। धनतेरस और दिवाली में माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता लक्ष्मी और कुबेर जी के प्रसन्न होने से घर पर धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। कुबेर जी मंदिर देश के कई राज्यों में स्थित हैं। उत्तराखंड के अलावा दक्षिण भारत में भी कुबेर जी का मंदिर है।
उत्तराखंड में कहां है कुबेर मंदिर-
देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां कुबेर जी का एक मात्र मंदिर अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में स्थित है। मान्यता है कि इस मंदिर में आकर पूजन करने और चांदी का सिक्का यहां से ले जाने पर जीवन में पैसों की कमी नहीं होती है।
तमिलनाडु में भी है कुबेर मंदिर
कुबेर जी का मंदिर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में है। तमरपरानी नदी के तट पर बना हरिकेसवनाल्लुर मंदिर एक छोटे गांव में है। इस गांव को कुबेरपुरी नाम से जानते हैं। यहां भगवान शिव को (अर्यनाथर) और देवी पार्वती (पेरियनायकी) के रूप में पूजा जाता है। मंदिर में ही दो शिवलिंग मौजूद हैं। जिन्हें अर्यनाथर और कुबेर लिंग कहा जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से मंगल दोष का निवारण होता है।
भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के उपाय-
मान्यता है कि हर दिन अपने घर के आंगन में सुबह-शाम 27 दिन तक घी का दीपक जलाकर नीचे दिए मंत्र का जप 108 बार मोती या लाल चंदन की माला से करने से धन के देवता कुबेर जी कृपा बनी रहती है। भगवान कुबेर देव की स्तुति का पाठ करना लाभकारी होता है।