कोरोना वायरस के खौफ के साए के बीच आज पूरी कायनात जी रही है। इस कोरोना वायरस ने वर्षों से चली आ रही रवायतों को ताक पर रखने के लिए मजबूर कर दिया है। काफी कुछ बदल गया और न जाने कितनी ही चीजों का बदलना अभी बकाया है। फिलहाल कोरोना के खौफ के बीच बदलाव के इस दौर में एक खबर मस्जिद कमेटी से सामने आई है। यह खबर खास है और कई लोगों को प्रभावित करने वाली है। मगर कोरोना के खौफ के बीच यह कदम उठाना अनिवार्य है अन्यथा कोरोना अपना पैर पसारते चला जाएगा, इसलिए इस पर अंकुश लगाने की दिशा में इस तरह के कदम उठाना अनिवार्य है।
..तो जारी कर दिए हैं ऐसे गाइडलाइन
बताते चले कि ऐसे वक्त में जब पूरा विश्व इस समय कोरोना के खौफ से त्राहि-त्राहि कर रहा है, तो मस्जिद कमेटी ने साफ कर दिया है कि काज़ी दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़ने के लिए तभी तैयार होगा, जब दोनों पक्षों की तरफ 20 या फिर उससे कम लोग ही शादी मेंं शिरकत करेंगे। मस्जिद कमेटी ने साफ कर दिया है कि अगर दोनों पक्षों की तरफ से 20 से उससे ज्यादा लोेग शिरकत करते हैं, तो काजी निकाह पढ़ने के लिए तैयार नहीं होगा। लिहाजा दोनों पक्षों किसी भी निकाह जलसे के लिए महज 20 लोगों को ही न्यौता भेजे।
इसके साथ ही मस्जिद कमेटी ने साफ कर दिया है कि यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है। जब कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसी स्थिति में इस पर अंकुश लगाने की दिशा में एहतियातन कदम उठाना अनिवार्य है। वहीं कमेटी ने कहा कि कोरोना वायरस के इस दौर में अनलॉक-1 का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिसमें हमें और सतर्क रहने की जरूरत है अन्यथा आगामी दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। कमेटी ने साफ कर दिया है कि मौजूदा समय में सवाधानी ही कोरोना के खिलाफ जंग के लिए एकमात्र साधान है, चूंकि अभी तक इसकी कोई दवा निकलकर सामने नहीं आई है और रियायतों का दौर शुरू हो चुका है, लिहाजा हमारे लिए यह मुनासिब रहेगा कि हम एहतियातन बरतते हुए आगे चले।