देहरादून: सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिये गए हैं. देहरादून रीजन में 99.37 % छात्र उत्तीर्ण हुए हैं. उत्तीर्ण होने वाले छात्रों में 99.13% लड़के पास हुए हैं. लड़कियों का प्रतिशत 99.67 रहा.
कोरोनाकाल में लंबे समय से परीक्षा परिणामों का इंतजार आज खत्म हो गया है. सीबीएसई बोर्ड ने देहरादून रीजन के 12 वीं के छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया है. इस साल सीबीएसई बोर्ड के कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणामों में लड़कियों ने बाजी मारी है. ऋषिकेश के डीएसबी स्कूल की शताक्षी गुप्ता ने टॉप किया है. शताक्षी ने 500 में से 498 अंक हासिल किए हैं. शताक्षी की उपलब्धि से ऋषिकेश के लोग खुश हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान छात्र-छात्राओं ने बताया की वह बोर्ड परीक्षा देते तो रिजल्ट कुछ और ही होता. उनका मानना था कि इससे उनके परसेंटेज में काफी अंतर देखने को मिलता. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई द्वारा 10वीं ओर 12वीं की परीक्षा कैंसिल कर दी थी. कोलम्बस स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनकी परसेंटेज 95 और 89.6 फीसदी रही. उन्होंने कहा परीक्षा दी जाती तो आज आंकड़ा कुछ और होता.
उधम सिंह नगर जनपद की सीबीएसई बोर्ड की कोऑर्डिनेटर ने बताया कि जनपद के सीबीएसई का रिजल्ट अच्छा रहा. उन्होंने भी मना की पूर्व में जो बच्चे टॉपर रहे हैं वह इस बार कोविड के कारण बिना परीक्षा दिए रिजल्ट घोषित होने से मिले अंको से संतुष्ट नहीं हैं. ओवर ऑल जनपद के 102 सीबीएसई विद्यालयों का रिजल्ट अच्छा रहा. उन्होंने उत्तीण हुए सभी छात्र छात्राओं के उज्वल भविष्य की कामना की.
बता दें देहरादून रीजन में कक्षा 12वीं में इस बार 71,063 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे. इनमें उत्तराखंड के 486 स्कूल और यूपी के 336 स्कूलों के छात्र शामिल हैं.
प्रत्येक विषय के थ्योरी अंकों की गणना इस वर्ष की शुरुआत में उनके स्कूलों द्वारा आयोजित विषय प्री-बोर्ड या मिड-टर्म परीक्षा में प्राप्त अंकों से 40% का उपयोग करके की जाएगी, उनके 11 वीं कक्षा की अंतिम परीक्षा के अंकों से 30% , और उनके कक्षा 10 के बोर्ड परीक्षा परिणाम से 30%. इसे वास्तविक अंकों में जोड़ा जाएगा जो उन्हें उस विषय के लिए कक्षा 12 के आंतरिक मूल्यांकन और प्रायोगिक परीक्षा में मिले थे.
जो छात्र मूल्यांकन के तरीके या उनके द्वारा प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें बोर्ड द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी ‘जब परीक्षा आयोजित करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हों’. वहीं कक्षा 10 के लिए, सीबीएसई ने अंतिम परीक्षा के बिना छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक वैकल्पिक रणनीति अपनाई है. वैकल्पिक सीबीएसई मूल्यांकन रणनीति के अनुसार, जबकि प्रत्येक विषय के लिए 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए होंगे, 80 अंकों की गणना पूरे वर्ष विभिन्न परीक्षणों या परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी.