हरियाणा की रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने भले ही जीत दर्ज कर ली है लेकिन इस जीत के बावजूद पार्टी को राज्यसभा की एक सीट से हाथ धोना पड़ा है. बता दें कि रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) पहले राज्यसभा सांसद थे और अब जीत के बाद लोकसभा सांसद हो गए हैं. इसके साथ ही हरियाणा के हिस्से की एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है.
बता दें कि मार्च, 2020 में छह साल के लिए राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए दीपेंद्र हुड्डा का अभी दो साल का कार्यकाल बाकी था. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और चुनाव कानूनों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सदस्य बनते ही उनकी राज्यसभा सदस्यता तत्काल समाप्त हो गई है. इसके लिए उन्हें औपचारिक तौर पर राज्यसभा से त्यागपत्र देने की भी कोई आवश्यकता नहीं है.
क्या कहता है नियम
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की 1951 की धारा 69 (2) में स्पष्ट उल्लेख है कि यदि राज्यसभा का कोई सदस्य लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट उसके लोकसभा सदस्य चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाएगी.
उपचुनाव का बजेगा बिगुल
दीपेंद्र हुड्डा सहित जिन सीटों पर राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक साल से ज्यादा है, उन सभी राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव का बिगुल बजेगा. जिन सीटों पर मौजूदा राज्यसभा सदस्य चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बन चुके हैं, वहां आगामी कुछ सप्ताह में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाएगा. हरियाणा में इस उपचुनाव के बहाने नायब सैनी सरकार का बहुमत भी साबित हो जाएगा.