अगले वित्त वर्ष में भारत स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को दोगुना कर सकता है। भारत सरकार स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को चार साल में जीडीपी के 4 फीसद तक ले जाने के उद्देश्य से ऐसा कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर करना चाहता है और बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य खर्च को दोगुना कर सकता है।
भारत एक अप्रैल, 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य खर्च को बढ़ाकर 1.2 से 1.3 लाख करोड़ रुपये कर सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बात कही है। गौरतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अनुमानित स्वास्थ्य खर्च 626 अरब रुपए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही हैं। वित्त मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि यह बजट सौ वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा। इस बजट में वित्त मंत्री नया हेल्थकेयर प्लान जारी कर सकती है। यह योजना सार्वजनिक नहीं होने के चलते अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी है।
कई दशकों तक उच्च वृद्धि दर के बावजूद, भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र पर होने वाला खर्च जीडीपी का 1.3 फीसद ही है। यह विकसित और BRICS देशों (ब्राजील-रूस-इंडिया-चीन-साउथ अफ्रीका) की तुलना में काफी कम है। अगले चार सालों में इसे जीडीपी का 4% करने का लक्ष्य रखा गया है।
महामारी के दौरान कई कोविड देखभाल केंद्रों और कई अस्पतालों में राज्यों द्वारा बेड और ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग को पूरा करने के प्रयासों से देश की अंडरफंडेड स्वास्थ्य प्रणाली को कुछ राहत मिली है।
बता दें कि देश में अब तक 1,06,77,937 कोरोना वायरस के मामले आ चुके हैं। इनमें से 1,03,45,661 लोग ठीक हो चुके हैं। 1,74,193 लोगों में यह वायरस अभी भी सक्रिय है। वहीं, 1,53,626 लोगों की इस वायरस से दु:खद मृत्यु हो चुकी है।