रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर अयोध्या एक नहीं तीन नए विश्व रिकॉर्ड बनाएगी। 25 लाख दीयों के एक साथ जलने का तो नया कीर्तिमान बनेगा ही। इसके साथ इस बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो नए अध्याय जुड़ेंगे। इसमें पहली बार सरयू तट पर 1100 अर्चकों की ओर से दीपोत्सव की शाम एक साथ महाआरती की जाएगी। इस महाआरती में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस महाआरती का सोमवार की रात सरयू तट पर पहला रिहर्सल किया गया। इसके अलावा ग्रीन आतिशबाजी के माध्यम से तीसरा विश्व रिकॉर्ड बनेगा। यह ग्रीन आतिशबाजी सरयू पुल पर होगी। इसका दीदार मुख्यमंत्री समेत देश और दुनिया करेगी।
दीपोत्सव को लेकर बढ़ाई गई निगरानी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
दीपोत्सव पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जिले में डेरा डाल दिया है। तकनीकी तौर पर भी निगरानी बढ़ाई गई है। अयोध्या धाम में विभिन्न प्वाइंटों पर सादी वर्दी में भी खुफिया एजेंसियों के लोग निगरानी करके किसी भी अनहोनी से निपटने को तैयार हैं। श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हो रहे पहले दीपोत्सव को लेकर सुरक्षा एजेंसियां पहले से अलर्ट पर हैं। मंदिर परिसर व आसपास के इलाकों में एसटीएफ, एटीएस व सीआरपीएफ के 200 से अधिक कमांडो मोर्चा संभालेंगे। इसके अलावा बम डिटेक्टर, डॉग स्क्वाॅयड, फेस रिकग्निशन आदि तकनीकों के सहारे भी सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न इलाकों में इनपुट तलाश रही हैं। अयोध्या धाम के विभिन्न होटल, धर्मशाला, लॉज आदि में ठहरे यात्रियों का सत्यापन भी किया गया है।
ड्रोन कैमरों से भी अयोध्या धाम के विभिन्न संवेदनशील इलाकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। जिले की पुलिस के अलावा बाहरी जिलों से भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कंट्रोल रूम से भी पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जगह-जगह लगे खुफिया कैमरे भी राहगीरों की प्रत्येक गतिविधि पर नजर गड़ाए हैं। कुल मिलाकर किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियाें के अलर्ट होने का दावा किया जा रहा है। कार्यक्रम की अवधि में सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।
झांकी गुजरने वाले मार्ग की छतों पर भी सशस्त्र जवान तैनात किए जाएंगे। इसके लिए सुरक्षा बलों का पूर्वाभ्यास भी हुआ है। साथ ही कई चरणों में उन्हें ब्रीफ भी किया गया है। वहीं, दीपोत्सव के दौरान अयोध्या धाम पहुंचे श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार करने के लिए खासतौर से पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि दीपोत्सव को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। किसी तरह से शांति व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
जिले की सीमाओं पर भी बढ़ी चौकसी
दीपोत्सव को लेकर जिले की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। बाहरी जिलों से आने वाले वाहनों की तलाशी लेने के साथ ही अन्य गतिविधियां भी की जा रही हैं। वहीं, अयोध्या धाम के विभिन्न स्थानों पर भी चेकिंग अभियान चलाया गया है।
दो किलोमीटर तक हुई भव्य सजावट से जीवंत हो रहा त्रेतायुग
तीन दिवसीय दीपोत्सव का सोमवार को आगाज हुआ तो त्रेतायुग जैसी सजी अयोध्या का दर्शन कर सभी निहाल हो उठे। दो किलोमीटर तक हुई भव्य सजावट से अयोध्या की शोभा देखते ही बन रही है। उदया चौराहे से लेकर नयाघाट तक, धमर्पथ से लेकर सरयू पुल तक रामकथा के दृश्य सजीव प्रतीत होते दिख रहे हैं। लेजर शो व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बहुरंगी छटा बिखरने लगी है। इस बार 25 लाख दीप जलाकर अयोध्या नया इतिहास रचने को आतुर है।
उल्लास और भगवान श्रीराम की स्तुति व भजनों से रामनगरी राममय हो उठी है। शाम होते ही राम की पैड़ी से लेकर सरयू घाट व रामकथा पार्क का पूरा क्षेत्र रोशनी से नहा उठा। लेजर शो व प्रोजेक्शन मैपिंग की रिहर्सल हुई तो लोग उमड़ पड़े। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को राम की पैड़ी में दीप जलाएंगे। इसके बाद पूरी रामनगरी रोशन हो उठेगी। राम की पैड़ी समेत पूरी अयोध्या में 29 लाख दीये जलाए जाएंगे। दीपोत्सव को लेकर अयोध्या मगन है। ऐसा लग रहा है जैसे राजा राम सगुण-साकार ज्योति रूप में अवतरित हो रहे हों। दो किलोमीटर तक हर ओर केवल दीपोत्सव की तैयारी दिख रही है। हर चौक-चौराहे पर सजावट हो रही है। रामपथ के डिवाइडर तक की पेंटिंग की जा रही है। घर-घर, मठ-मंदिर सज रहे हैं।
राम की पैड़ी पर हजारों छात्र-छात्राओं की टीम दीपों की माला सजा रही है, तो राम की पैड़ी पर शाम होते ही लेजर शो में रामकथा की प्रस्तुति ने भक्तों को रामायण युग का अहसास करा दिया। मुख्य राजमार्ग के दोनों तरफ होर्डिंग, भव्य द्वार दीपोत्सव को प्रांतीय रूप दे रहे हैं। तरह-तरह के तोरणद्वार और घाटों की सजीधजी श्रृ़ंखला सबको भा रही है। इस मौके पर लोक संस्कृति भी अछूती नहीं है।
25,000 दीपों से जगमग होगा भरतकुंड
दिव्य दीपोत्सव के मौके पर पौराणिक स्थल भरतकुंड 25,000 दीपों से जगमग होगा। इसके लिए छह विद्यालय के 700 वॉलिंटियर्स लगाए गए हैं। आयोजन को वृहद रूप देने के लिए लोगों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आठवें दीपोत्सव को लेकर बड़ी तैयारी चल रही है। इसी के साथ भगवान श्रीराम के अनुज योगीराज महात्मा भरत की तपोभूमि नंदीग्राम भरतकुंड पर भव्य व ऐतिहासिक दीपोत्सव की तैयारी चल रही है। नंदीग्राम भरतकुंड वही स्थल है, जहां योगीराज ने भगवान श्रीराम की चरण पादुका रखकर 14 वर्ष तक तपस्या की थी। यह धरती त्याग और समर्पण की भावना को जागृत करती है। यह स्थल पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से विशेष महत्व रखता है। दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए श्री भरत इंटरमीडिएट कॉलेज को नोडल विद्यालय के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।