किसान नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल एवं हरमीत सिंह कादियान के पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) लड़ने की घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि यह पंजाब के किसान नेताओं का निजी फैसला है, जिससे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का कोई लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही टिकैत ने यह भी साफ कर दिया कि वह पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं के लिए प्रचार करने नहीं जाएंगे।
पंजाब के 22 किसान संगठनों ने शनिवार को एक राजनीतिक मोर्चा बनाया और घोषणा की कि वे ”राजनीतिक बदलाव” के लिए आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। हालांकि, कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने स्पष्ट किया है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है। किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा था कि पंजाब में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया गया है और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के बलबीर सिंह राजेवाल संयुक्त समाज मोर्चा के नेता होंगे। राकेश टिकैत ने फोन पर बातचीत के दौरान भाकियू के चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर तो कुछ स्पष्ट नहीं कहा, लेकिन यह जरूर कहा कि ‘वह ना तो कोई चुनाव लड़ेंगे और ना ही पार्टी बनाएंगे।’ उन्होंने कहा कि उनके परिवार से कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ेगा।
जब टिकैत से पूछा गया कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में भाकियू का रुख क्या रहेगा, तो उन्होंने कहा कि वह आचार संहिता लागू होने के बाद ही आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे। उल्लेखनीय है कि भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने जुलाई में मुजफ्फरनगर के सिसौली में कथित तौर पर कहा था कि सभी राजनीतिक दलों को देख लिया। जब इनकी सरकार आती है, तो ये किसानों की नहीं सुनते, इसलिए आगामी विधानसभा चुनावों में भाकियू अपने उम्मीदवार उतारेगी। किसान प्रत्याशियों को टिकट दिए जाएंगे।