उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में चार किसान शामिल हैं, जबकि तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की भी मौत हुई है. इस हिंसा को लेकर कई थ्योरी सामने आ रही है. इसी बीच हिंसा में मारे गए किसान के बेटे ने पूरी कहानी बताई है. 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई घटना में बहराइच के दो किसानों की मौत के बाद उनके घरों में मातम पसरा है. जहां गुरविंदर सिंह के घर पर उनके चचेरे भाई व उनकी मौसी समेत पूरे परिवार के लोगों ने घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की.
वहीं, दूसरे मृतक दलजीत सिंह के परिवार में उनका बेटा राजदीप व उनकी चाची ने सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है. मृतक दलजीत के 15 वर्षीय बेटे के सामने उसके पिता की गाड़ी के नीचे कुचल कर मौत हो गई. बहराइच के थाना मटेरा क्षेत्र के नबी नगर मोहरनिया व थाना कोतवाली नानपारा के बंजारन टांडा में कल की घटना के बाद आज मातमी सन्नाटा पसरा है. दोनों मृतकों के परिजन लखीमपुर में मृतकों के शव लेने गए हुए हैं. नबी नगर मोहरनिया में मृतक गुरविंदर सिंह के घर पर उसकी मौसी नरेंदर कौर व उसके चचेरे भाई पूरन सिंह ने बताया कि गुरविंदर सिंह साधू संत थे, वो अचानक उस हादसे का शिकार हो गए, उनका किसी झगड़े से कोई लेना देना नहीं था.
लखीमपुर घटना में मृतक दलजीत सिंह, जो कि नानपारा कोतवाली के बंजारन टांडा के किसान थे, उनके पिता हरी सिंह व उनकी माता की मृत्यु हो चुकी है, उनके घर में उनके बड़े भाई जगजीत सिंह बंजारन टांडा गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं. उनके दो संताने बेटी परनीत कौर व 15 वर्षीय बेटा राजदीप सिंह है. मृतक दलजीत सिंह के बेटे राजदीप ने कल की घटना में कई चौंकाने वाली बात कही. उसके मुताबिक, वो अपने पिता के साथ कल तिकुनिया में आंदोलन में शामिल होने के लिए गया था. उसके मुताबिक नानपारा से 20-30 लोग मोटरसाइकिल से आंदोलन में शामिल होने गए थे, जब किसान वहां थे, उसी दौरान तीन गाड़ियां आई और उसके पिता समेत कई किसानों को कुचल दिया, वहां एम्बुलेंस न होने पर वो मोटरसाइकिल लेने गया तब तक एम्बुलेंस आई, लेकिन रास्ते में उसके पिता की मौत हो गई. मृतक दलजीत के बेटे राजदीप ने कहा कि मंत्री का बेटा गाड़ियां लेकर आया था, उसी ने सभी को कुचल दिया और उसकी फायरिंग से किसान की मौत हुई है. उसका कहना है कि उसे इंसाफ चाहिए.