अमेरिका (America) के अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ते ही अब तालिबान ने नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू कर दी हैं. तालिबान (Taliban) ने मंगलवार को अफगानिस्तान को आजाद घोषित किया और अमेरिकी सेना के वापस लौटने का जश्न मनाया. तालिबान का कहना है कि सरकार बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही नई सरकार का गठन कर लिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, तालिबान का नेता मुल्ला बरादर (Mullah Baradar) जल्द ही काबुल पहुंचने वाला है. माना जा रहा है कि मुल्ला बरादर ही अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति बन सकता है.
बीते दिन तालिबान के नेता अनस हक्कानी (Anas Haqqani) ने बयान दिया कि अब तालिबान की नई सरकार सिर्फ कुछ दिनों की दूरी पर है. हाल ही में कंधार में तालिबान के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार गठन को लेकर लंबा मंथन किया. कतर के दोहा से आने के बाद तालिबान के बड़े नेता कंधार में ही रुके हुए हैं, जिनमें तालिबान का सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाा अखुंदजादा भी शामिल है. हालांकि, तालिबान की नई सरकार का फॉर्मेट क्या होगा. कौन राष्ट्रपति बनेगा और किसे कौन-सी जिम्मेदारी मिलेगी, ये अभी तक तय नहीं हुआ है. तालिबान के नेताओं का कहना है कि सरकार बनने पर ही इन बातों को सामने रखा जाएगा.
गौरतलब है कि 31 अगस्त, 2021 को विदेशी सेनाओं के वापस लौटने की आखिरी तारीख थी, लेकिन अमेरिका समेत कई देशों की सेनाओं ने 30 अगस्त तक ही काबुल छोड़ दिया. बीते दिन काबुल एयरपोर्ट पर भी तालिबान के लड़ाकों ने कब्जा जमा लिया. तालिबान द्वारा अमेरिका के छोड़े गए हथियारों का भी जायजा लिया गया. एक ओर तालिबान अपनी नई सरकार बनाने की ओर बढ़ रहा है, तो वहीं भारत ने भी आधिकारिक तौर पर तालिबान के साथ बातचीत शुरू कर दी है. ये बातचीत तब हुई, जब अमेरिकी सेना पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ चुकी थीं. कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तालिबान की अपील पर ये मुलाकात हुई है, जिसमें अहम विषयों पर बातचीत हुई है. शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ही वही तालिबानी नेता हैं, जो लगातार भारत के साथ बातचीत की वकालत कर रहे थे.