अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को तालिबान का कब्जा हो गया। इसके बाद से अमेरिका, भारत, ब्रिटेन समेत कई देश अपने नागरिकों को वहां से निकलने की कोशिश में लगे हुए हैं। काबुल से 200 से अधिक लोग हवाई मार्ग द्वारा रविवार देर रात नई दिल्ली लाए गए। अमेरिका के रक्षा विभाग ने बताया कि वर्तमान में हम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सुरक्षित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं, ताकि असैनिक और सैन्य उड़ानों के माध्यम से अफगानिस्तान से अमेरिका और संबद्ध कर्मियों के सुरक्षित प्रस्थान को सक्षम किया जा सके।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने आगे कहा कि हम अगले 48 घंटों में अपनी सुरक्षा उपस्थिति को लगभग 6,000 सैनिकों तक बढ़ा देंगे और हवाई यातायात नियंत्रण को अपने हाथ में ले लेंगे। आने वाले दिनों में हम उन हजारों अमेरिकी नागरिकों को स्थानांतरित कर देंगे जो अफगानिस्तान के निवासी हैं और स्थानीय रूप से अमेरिकी मिशन के कर्मचारी और उनके परिवारों को वहां नियुक्त किया गया है।
60 से अधिक देशों ने जारी किया संयुक्त
बयान इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया कि 60 से अधिक देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अफगान और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, उन्हें प्रस्थान करने की अनुमति दी जानी चाहिए और हवाई अड्डों को जोड़ा जाना चाहिए, ताकि लोगों को अपने स्वदेश वापस लाया जा सके।
लोगों की सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय खड़ा है
तैयार अमेरिकी सरकार और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कतर और ब्रिटेन सहित 60 से अधिक अन्य देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता और अधिकार की स्थिति में रहने वालों की जिम्मेदारी और जवाबदेही है। मानव जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए और नागरिक व्यवस्था की तत्काल बहाली के लिए यह बहुत जरूरी है। इसमें कहा गया है कि अफगान लोग सुरक्षा और सम्मान में जीने के लायक हैं। हम उनकी सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तैयार खड़े हैं।