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देश में बच्चों को जल्द ही मिलेगी कोरोना वैक्सीन, इन वैक्सीन पर किया गया ट्रायल

भारत में बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान सितंबर से शुरू हो सकता है.अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पूरी निगरानी के साथ जिन इलाकों में संक्रमण दर कम है वहां स्कूल खोले जा सकते हैं.डॉ. गुलेरिया ने शनिवार कहा, ‘बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन परीक्षण वर्तमान में चल रहे हैं और परिणाम सितंबर तक जारी होने की उम्मीद है.

एम्स प्रमुख ने कहा था कि हमें बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन की जरूरत है. इसलिए भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की वैक्सीन बहुत महत्वपूर्ण है. फाइजर की वैक्सीन भी मददगार साबित हो सकती है लेकिन हमारे पास बहुत अधिक संख्या होने के कारण हमारी अपनी वैक्सीन का होना जरूरी है. इस दिशा में हमें उम्मीद है कि सितंबर तक बच्चों के लिए एक से अधिक वैक्सीन हमारे देश में उपलब्ध हो जाएगी.

क्या कहते हैं इन वैक्सीन के ट्रायल

जानकारी के मुताबिक, वैक्सीन की यूरोपियन यूनियन ने शुक्रवार को ही 12 से 17 साल तक के बच्चों के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है और इससे पहले मई महीने में अमेरिका ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को 12 से 15 साल के बच्चों को लगाने की अनुमति दी थी.

जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल भी लगभग पूरा हो चुका है. जुलाई के अंत तक या अगस्त में,  12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू हो सकता है. टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने इसी महीने कहा था कि सिंतबर महीने में 12 से 18 वर्ष के बच्चों को जायडस कैडिला की वैक्सीन लगने लगेगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगस्त से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है. ऐसे में अगर सितंबर से बच्चों को वैक्सीन लगनी शुरू हो गई तो तीसरी लहर को बहुत हद तक टालने में मदद मिलेगी.

फाइजर

फाइजर की वैक्सीन को अमेरिकी नियामक से आपातकालीन मंजूरी मिल चुकी है. इसलिए हमें उम्मीद है कि हम सितंबर तक बच्चों को टीका लगाने के अभियान में सफल हो जाएंगे. फाइजर ने कोरोना की यह वैक्सीन अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिलकर बनाई थी। इसी कंपनी की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबसे पहले अपनी मंजूरी दी थी.

कोवैक्सीन का ट्रायल

अगले हफ्ते 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का दूसरा ट्रायल शुरू होगा. सूत्रों के मुताबिक 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है और अब दूसरी डोज के परीक्षण की तैयारी है। इससे पहले 6 से 12 साल के उम्र के बच्चों का ट्रायल भी हो चुका है। इन परीक्षण का केंद्र एम्‍स है, यहां पर 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए वैक्‍सीन का परीक्षण हुआ है.