उत्तराखंड में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच राहत की खबर है। प्रदेश में अगले तीन दिनों तक मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक देहरादून, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि पहाड़ से लेकर मैदान तक जहां भारी बारिश की उम्मीद है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी। पहाड़ों के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ भी गिर सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. रोहित थपलियाल के मुताबिक इन दिनों अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नम हवाओं का आना जारी है, जिसके चलते उत्तराखंड समेत कई पर्वतीय राज्यों में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। अगले तीन दिनों तक पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश देखने को मिलेगी, जिसका असर गर्मी पर भी पड़ेगा।
24 जून के आसपास पहुंच सकता है मानसून
प्रदेश में मानसून 24 जून के आसपास पहुंच सकता है। सामान्य मानसून एक जून को केरल के रास्ते भारत में प्रवेश करता है। इसके बाद उत्तराखंड पहुंचने में 20 दिन का समय लगता है। सामान्य तौर पर मानसून 21 जून या उसके बाद ही उत्तराखंड पहुंचता है। मौसम विभाग ने केरल में मानसून तीन दिन पिछड़ने की भविष्यवाणी की है। इस लिहाज से देखा जाए तो उत्तराखंड में 24 जून के आसपास मानसून पहुंचने की संभावना है। रोहित थपलियाल ने बताया कि मानसून की आगे बढ़ने की रफ्तार बीच में कम-ज्यादा हो सकती है।
एहतियात बरतेंगे तो नहीं पकड़ेंगे बिस्तर
मौसम विज्ञानियों ने जहां बारिश की संभावना जताई है, वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों ने गर्मी के मौसम में तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव से बीमारियां पनपने की संभावना जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में थोड़ी सी असावधानी होने पर कोई भी व्यक्ति बिस्तर पकड़ सकता है। कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट की मानें तो तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव सेहत के लिहाज से ठीक नहीं होता है। इससे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। बारिश में भीगने से सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी होने में देर नहीं लगेगी। इससे व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाएगा। ऐसे में लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है।