देशभर में बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही है। जिसमें लड़कियों को आर्थिक मदद दी जाती है। कुछ ऐसा ही बिहार सरकार भी कर रही है। बिहार में लड़कियों के लिए ‘बालिका स्नातक प्रोत्साहन योजना’ चलाई जा रही है। जिसके तहत सरकार लड़कियों को ग्रेजुएशन पास होने पर 25-25 हजार रुपये देती है लेकिन इसी साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता से वादा किया था कि अगर वह फिर से चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनते है। तो वह इस राशि को बढ़ाकर 50-50 हजार कर देंगे। नीतीश कुमार फिर से सीएम बन गए है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब इस राशि को जल्द ही बढ़ाया जा सकता है क्योंकि इस चुनावी वादे पर काम शुरू हो गया है।
सरकार ने शुरू की तैयारी
नीतीश कुमार जैसे ही बिहार में फिर से मुख्यमंत्री बनें हैं। तो अब शिक्षा विभाग भी इस चुनावी वादे पर काम करने तैयारी में जुट गया है। शिक्षा विभाग ने छात्राओं के बैंक खाते में पैसे भेजने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसे अब मंजूरी के लिए वित्त विभाग के पास भेजा जाएगा। इसके बाद इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी भी लेनी होगी। जिसके बाद ही राज्य में ये योजना लागू होगी। इस योजना का फायदा राज्य की 1.5 लाख छात्राओं को मिलेगा। बता दें कि पिछले साल मुख्यमंत्री स्नातक बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 1.4 लाख आवेदन किया था। जिसमें से 84,344 छात्राओं को पैसे दिए गए। बाकि छात्राओं को फॉर्म में कमी के चलते पैसे नहीं दिए गए। ऐसे में अगर आपने अब तक इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया है या फिर इस आवेदन से जुड़ी प्रक्रिया में किसी भी तरह की कमी बची है। तो आप जल्द ही इस योजना के लिए आवेदन कर लें।
कैसे करें आवेदन
सरकार की इस योजना में आवेदन करने वाली छात्रा का बैंक खाता होना अनिवार्य है क्योंकि इस योजना के तहत पैसा सीधा छात्राओं के बैंक खाते में आता है। छात्रा इस योजना का लाभ उठाने के लिए सीधा ऑनलाइन आवेदन भी कर सकती है। इसके लिए ई कल्याण की आधिकारिक वेबसाइट http://edudbt.bih.nic.in/ पर जाना होगा। जिसके बाद For student registration and login only पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करने से ई कल्याण ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। जिसे डाउनलोड कर लें और भर लें। इस फॉर्म के साथ आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो, पते के लिए कोई भी आईडी, ग्रेजुएशन की मार्कशीट की फोटोकॉपी जरूरी पेपर्स हैं।