अमेरिकी सेना ने हेलमंद प्रांत में तालिबानी ठिकानों पर कई हवाई हमले किए हैं। अमेरिका के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन हमलों से अमेरिका-तालिबान के बीच फरवरी माह में हुए समझौते का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। इससे समझौते पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। तालिबान तत्काल आक्रामक रवैया रोके और देश भर में हो रही हिंसा की वारदातों को बंद करे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अमेरिकी सेना अफगानी सेना की इसी तरह मदद करती रहेगी।
अमेरिकी हवाई हमले हेलमंद की राजधानी लश्करगाह में गोलीबारी की वारदातों के बाद किये गये। प्रवक्ता के अनुसार तालिबानी लड़ाकों ने पिछले एक सप्ताह में कई हमले किये हैं और सप्ताहांत तक इनमें तेजी आई है। मुख्य मार्ग पर कई पुलों को नष्ट कर दिया है। इसलिए राजमार्ग अभी बंद है। तालिबान प्रतिनिधि कतर स्थित अपने राजनीतिक कार्यालय में अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान की वायुसेना ने हेलमंद प्रांत में तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया था, जिसमें 20 आतंकी ढेर हो गए थे। इसके अलावा इस आतंकी संगठन के एक स्थानीय डिप्टी गवर्नर को बंदी भी बनाया गया था। हेलमंद के गवर्नर दफ्तर ने एक बयान जारी कर बताया था कि अफगान वायुसेना ने नवा-ए-बरकजाई जिले में तालिबान के ठिकाने को निशाना बनाया। इस हमले में 20 आतंकी मारे गए। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने तालिबान के डिप्टी गवर्नर को पकड़ लिया।
हालांकि तालिबान की तरफ से इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया गया था। हेलमंद प्रांत में सप्ताहांत के दौरान अफगान बलों और तालिबान आतंकियों के बीच कई बार झड़प देखने को मिली। हालांकि इन झड़पों में लोगों के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं मिली। ये झड़पें ऐसे समय हो रही हैं, जब कतर की राजधानी दोहा में अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता चल रही है।