हाथरस मामले में अब ईडी की एंट्री हो चुकी है। सीबीआई, एसआईटी, पुलिस के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशायल भी इस मामले की जांच करेगा। ऐसा इसलिए..क्योंकि बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर दंगा भड़काने के लिए साजिशें रचीं जा रही हैं। इस साजिश को धरातल पर उतारने के लिए सारी तैयारियां मुकम्मल हो इससे पहले इस पर शिकंजा कसने के लिए ईडी की दस्तक अब हो चुकी है। बताया जा रहा है कि हाधरस के बहाने प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिशें की जा रही है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश व प्रदेश में सांप्रदायिका हिंसा फैलाने की साजिशें रचीं जा रही हैं। यहीं नहीं, इस दंगे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए विदेशों से फंडिंग की बात कही जा रही है।
फिलहाल अभी तक यह महज बतौर आरोप ही दावा किया जा रहा है, मगर अब इस मामले की जांच हेतु ईडी की एंट्री हो चुकी है। ईडी अपनी तफ्तीश में इस पूरे मामले की पटाक्षेप करेगा। वहीं, पुलिस ने इस मामले में जाति आधारित दंगा कराने, सरकार की छवि बिगाड़ने, माहौल को तनावपूर्ण करने के आरोप में चार अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि जांच एजेंसियों को इस तरह के जानकारी वेबसाइट्स पर मिली है। फिलहाल तो इन वेबसाइट्स पर पैनी निगाहें रखी जा रही है। इस संदर्भ में अभी तक 21 मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं और इसकी जांच को पैनी करने हेतु फंडिंग को लेकर भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।
यहां पर हम आपको बताते चले कि चंदपा थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (अपराध के लिए उकसाने), 124ए (देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने की कोशिश-राजद्रोह) 120 बी (षडयंत्र), 153-ए (धर्म भाषा और जाति के आधार पर विद्वेष फैलाना), 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बयान), 195(झूठे साक्ष्य गढ़ना) , 465 (कूटरचना) , 468 (कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग), 501(मानहानिकारक मुद्रण), 505 (भय का माहौल बनाने वाला बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 की धारा 67 समेत कुल 20 धाराओं में रविवार को मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस का यह भी दावा है कि हाथरस कांड के सहारे कुछ लोग प्रदेश का माहौल खराब करने व सरकारी की छवि को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। फिलहाल तो इस पूरे मामले की जांच अब ईडी की जांंच के बाद ही साफ हो पाएगी।