बॉर्डर पर तनाव दूर करने में चीन की दिलचस्पी कम ही लगती है। हालिया सैटेलाइट तस्वीरें तो यही जाहिर करती हैं। पैंगोंग त्सो जहां पर चीनी सेनाओं ने घुसपैठ की है, वहां अब वे अपने कब्जे को जाहिर करने के नई तरकीबें लगा रहे हैं।
ताजा तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन ने पैंगोंग त्सो में फिंगर 4 और 5 के बीच अपने देश का बड़ा सा मैप उकेरा है। पास ही में एक निशान भी बनाया गया है जो सैटेलाइट ने कैप्चर किया है। हैरानी की बात ये है कि चीन ये सारी हरकतें तब कर रहा है जब उसने एक तरफ बातचीत का स्वांग रचा हुआ है। पैंगोंग त्सो के नजदीक स्थित चुशूल में ही भारत और चीन को कॉर्प्स कमांडर्स की मीटिंग हो रही है।
रोज सामने आ रहीं सैटेलाइट तस्वीरें चीन का मूवमेंट दिखाती हैं। फिंगर 5 (बाईं तरफ) आप साफ देख सकते हैं कि चीन ने कितने बड़े पैमाने पर कंस्ट्रक्शन किया है। फिंगर 4 के किनारे पर भी चीनी कंस्ट्रक्शन नजर आ रहा है।
पैंगोंग त्सो में चीन की मौजूदगी छोटे-छोटे समूहों में बढ़ती जा रही है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa के मुताबिक, झील से 19 किमी दक्षिण में चीन की सपोर्ट पोजिशन दिख भी रही है। भारत ने मिलिट्री लेवल मीटिंग्स और डिप्लोमेटिक स्तर पर साफ कह दिया है कि LAC में जैसी स्थिति 5 मई के पहले थी, वैसे ही होनी चाहिए।
झील के किनारे पर मौजूद पहाड़ियों को फिंगर्स कहते हैं। भारत के मुताबिक, फिंगर 1 से 8 तक पैट्रोलिंग का अधिकार उसके पास है जबकि चीन फिंगर 4 तक अपना इलाका मानता है। फिंगर 4 के पास दोनों सेनाएं कई बार भिड़ चुकी हैं। इस वक्त चीनी सेनाएं फिंगर 4 पर मौजूद हैं और उन्होंने पीछे अच्छी-खासी स्ट्रेन्थ तैयार कर ली है।
PlanetLabs की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि चीन ने न सिर्फ झील के किनारों, बल्कि 8 किलोमीटर दूर स्थित रिजलाइन के पास भी अच्छी-खासी फोर्स जमा कर रखी है। टेंट, हट और कई तरह के शेल्टर डिटेक्ट किए गए हैं। फिंगर 4 से 8 के बीच कई जगह चीनी पोस्ट्स सैटेलाइट तस्वीरों में कैप्चर हुई हैं।