गृह मंत्रालय ने 8 जून से शुरू हो रहे अनलॉक-1 के लिए मानक संचालन यानि कि एसओपी जारी कर दी है। ऐसे में 8 जून से जिन जगहों पर ढील दी जा रही है वहां ये नियम अनिवार्य रूप से मानने होंगे। बता दें कि 8 तारीख को सभी धार्मिक स्थल भी खुलेंगे। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सामान्य नियमों के तौर पर धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को मास्क लगाना, प्रवेश से पहले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल करने की भी हिदायत दी गई है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी पाबंदी है। खांसने-छींकने के दौरान चेहरे और नाक को ढक कर रखना होगा। यदि टिशू, रुमाल आदि का इस्तेमाल करते हैं तो उसे ठीक से उचित स्थान पर फेंकना होगा। धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर अनिवार्य रूप से हैंड सैनिटाइजर रखना और थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य है। सिर्फ बिना लक्षण वाले लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी।
इन नियमों का करना होगा पालन
– लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरुक करने के लिए पोस्टर्स, ऑडियो, वीडियो का इस्तेमाल करना।
– सुनिश्चित किया जाए कि एक ही समय पर अधिक श्रद्धालु इकट्ठे न हों।
– जूते-चप्पलों को संभव हो तो गाड़ी में ही उतारना होगा, या फिर इन्हें उचित दूरी पर अलग-अलग रखना होगा।
– पार्किंग लॉट में और धार्मिक स्थलों के बाहर भीड़ की व्यवस्था करना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को सुनिश्चित करना।
– धार्मिक स्थल के परिसर में जाने से पहले हाथ-पैर को साबुन से अच्छी तरह से धोना होगा।
– परिसर में मौजूद दुकानों, स्टॉल और कैफेटेरिया में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन।
– मंदिर में लाइन लगाने के लिए पर्याप्त दूरी के हिसाब से लगे निशानों में खड़ा होना होगा।
– मूर्ति या पवित्र किताब को छूने और जिसमें ज्यादा लोग इकट्ठा हों ऐसे धार्मिक आयोजन करने की मनाही है।
– हाथों से प्रसाद या फिर पवित्र जल देने की मनाही है।
– एयर कंडीशनिंग/वेंटिलेशन के लिए सीपीडब्लूडी की गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है. जिसमें कि एयर कंडीशनर का तापमान 24-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना होगा और रिलेटिव ह्यूमिडिटी 40-70 प्रतिशत बनाए रखनी होगी।
– सामुदायिक रसोई/लंगर/अन्नदान आदि का खाना बनाते और बांटते समय सामाजिक दूरी के नियमों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है।
– हो सकते तो प्रवेश और निकास के अलग अलग द्वार रखे जाएं।
– संक्रमण न फैले इसके लिए पहले से रिकॉर्ड धार्मिक संगीत/भजन बजाए जा सकते हैं. गायक मंडलियों पर पाबंदी है।
– प्रार्थना के लिए लोगों को अपना मैट/ आसन/ बैठने का कपड़ा लेकर आना होगा जिसे उन्हें अपने साथ वापस लेकर जाना होगा।
– समय-समय पर शौचालयों, हाथ-पैर धोने की जगहों को साफ करना होगा. फर्श को भी दिन भर में कई बार साफ करना होगा।