कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच लोगों की जिंदगी उलझ कर रह गई है। हालांकि सरकार की तरफ से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि कोई परिवार भूखा न रहने पाए। बावजूद इसके देश की एक बड़ी आबादी दाने—दाने को मोहताज है। लॉकडाउन के बीच पेट भरने के लिए लोग अब जंगली जानवरों का शिकार करने लगे हैं। आलम यह है जानवर न मिलने पर ये लोग तहरीले साप का भी शिकार कर उसे अपना निवाला बना रहे हैं। जानकारी के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के लोगों ने पेट की आग बुझाने के लिए एक नया तरीका अपना लिया है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के बीच लोग जीवित रहने के लिए अब जंगली जानवरों का शिकार कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जानवर मिलने पर ये लोग जहरीले सांप को भी अपना शिकार बना रहे हैं।
चर्चा है कि अरुणाचल प्रदेश के नाहरलागुन क्षेत्र के एक गांव के निवासियों ने भूख मिटाने के लिए लगभग 10 फुट लंबे किंग कोबरा को अपना शिकार बना लिया। लॉकडाउन के चलते लोगों को कई दिनों तक जब कुछ खाने को नहीं मिला तो वो मजबूर होकर जंगल की तरफ चल पड़े और वहां उन्हें जो भी जानवर दिखा, उसे मारकर खाना शुरू कर दिया। इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास खाने को कुछ नहीं था इसलिए जंगल जाकर जो जानवर दिखा उसका शिकार किया गया। यहां के लोगों की माली हालत देखकर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेट भरने के लिए इनके पास शिकार के अलावा और कोई चारा भी नहीं है।
कोबरा का शिकार करने वाले ने बताया कि हमारे पास खाने के लिए कुछ नहीं है, न चावल है, न कोई सब्ज़ी। इसलिए हम इस सांप को खाने को मजबूर हैं। बता दें अरुणाचल प्रदेश में 90 प्रतिशत लोग जानवरों के मांस पर निर्भर है। राज्य में कोरोना संक्रमण की बात करें तो अभी तक यहां एक भी कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने नहीं आया है। वैसे शिकार करना यहां के लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन मजबूरी में शिकार करना बड़ी बात है।