दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में अब एक नया अपडेट सामने आया है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे, जिनका नाम इस केस में लंबे समय से घसीटा जा रहा था, उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस केस में उनके खिलाफ कोई सबूत या संदेह नहीं है और उन्हें क्लीन चिट दी जाती है।
कोर्ट में मुंबई पुलिस ने दिया हलफनामा
मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक हलफनामा (एफिडेविट) दाखिल करते हुए कहा कि दिशा सालियान की मौत एक दुर्घटनावश हुई घटना थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस केस में गैंगरेप या हत्या की आशंका का कोई कानूनी आधार नहीं है। इस हलफनामे में पुलिस ने साफ किया कि आदित्य ठाकरे या किसी अन्य राजनेता की इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है।
यह हलफनामा दरअसल दिशा सालियान के पिता की ओर से दायर याचिका के जवाब में दिया गया है। मार्च 2025 में दिशा के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अपील की थी कि इस मामले की जांच CBI या SIT जैसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए। उन्होंने इस केस में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप भी लगाया था।
आदित्य ठाकरे पर लगाए गए थे गंभीर आरोप
दिशा सालियान के पिता ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उनकी बेटी की मौत प्राकृतिक या आत्महत्या नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि इस मामले को राजनीतिक रूप से दबाने की कोशिश की जा रही है। उनके अनुसार, कुछ प्रभावशाली लोग- आदित्य ठाकरे-इस मामले में संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने ठाकरे के खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग की थी।
वहीं, हाल ही में, मालवणी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर शैलेन्द्र नागरकर ने बयान दिया कि दिशा के पिता की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद और तथ्यों से परे हैं। पुलिस ने जांच में पाया कि दिशा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ और ना ही किसी तरह का यौन शोषण या हत्या का प्रमाण मिला है।