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इमरान खान का जेल से विद्रोह का खुला ऐलान, जेल की अंधेरी कोठरी मंज़ूर लेकिन गुलामी नहीं

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह गुलामी स्वीकार करने के बजाय जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करेंगे। खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आशूरा के बाद वर्तमान शासन के खिलाफ विद्रोह करें। आशूरा, पैगंबर साहब के पोते इमाम हुसैन की शहादत के शोक में मोहर्रम का 10वां दिन है। इस साल यह दिन छह जुलाई को है।

खान ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “मैं पूरे देश, विशेषकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आग्रह करता हूं कि वे आशूरा के बाद इस अत्याचारी व्यवस्था के खिलाफ उठ खड़े हों।” खान ने कहा, “मैं गुलामी को स्वीकार करने के बजाय जेल की एक अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करूंगा।” खान कई मामलों में लगभग दो वर्षों से जेल में हैं। खान ने कहा कि उनकी आवाज़ को हर तरीके से दबाने की कोशिश की जा रही है।

सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर टिप्पणी करते हुए खान ने कहा, “जब कोई तानाशाह सत्ता में आता है, तो उसे लोगों के मतों की ज़रूरत नहीं होती वह क्रूर बल के ज़रिए शासन करता है।” खान ने देश में न्यायपालिका को कार्यपालिका का उप-विभाग करार दिया और कहा कि अदालतें ऐसे न्यायाधीशों से भरी हुई हैं जो किसी के चहेते हैं, जबकि स्वतंत्र न्यायाधीशों को शक्तिहीन बना दिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘यह केवल मार्शल लॉ के तहत होता है।”